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अडानी ग्रुप ने मारी बाज़ी, EBITDA पहली बार 90,000 करोड़ के पार, निवेशकों में उत्साह

अडानी ग्रुप ने मारी बाज़ी, EBITDA पहली बार 90,000 करोड़ के पार, निवेशकों में उत्साह

अडानी ग्रुप का पोर्टफोलियो पहली बार EBITDA 90,572 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 10% ज्यादा है। मजबूत कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस, एयरपोर्ट, सोलर व विंड एनर्जी और सड़क परियोजनाओं ने इस बढ़त में योगदान दिया। कंपनी का क्रेडिट प्रोफाइल और कैश फ्लो भी मजबूती के साथ बढ़ा है।

Adani Portfolio: अडानी ग्रुप ने अपने वित्तीय प्रदर्शन में बड़ा मुकाम हासिल करते हुए अपने पोर्टफोलियो का EBITDA पहली बार 90,572 करोड़ रुपये के पार पहुंचाया है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 10% अधिक है। मुख्य रूप से कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस, एयरपोर्ट, सोलर व विंड एनर्जी और सड़क परियोजनाओं की मजबूत परफॉर्मेंस ने इस वृद्धि में योगदान दिया। कंपनी का लेवरेज कम और कैश लिक्विडिटी मजबूत होने से निवेशकों का सेंटिमेंट भी पॉजिटिव बना हुआ है।

कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस का योगदान

अडानी ग्रुप के कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में यूटिलिटी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इस सेक्टर का EBITDA में योगदान 87 प्रतिशत रहा। अडानी एंटरप्राइजेज के तहत आने वाले इनक्यूबेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस ने भी इस प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई। एयरपोर्ट, सोलर और विंड एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग, सड़क और अन्य प्रोजेक्ट्स ने पहली बार 10,000 करोड़ रुपये का EBITDA पार किया। इस शानदार प्रदर्शन ने निवेशकों और बाजार में अडानी ग्रुप के प्रति सकारात्मक सेंटिमेंट कायम किया।

मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल

अडानी ग्रुप का पोर्टफोलियो-लेवल लेवरेज वैश्विक मानकों के अनुसार बहुत कम है, जो सिर्फ 2.6 गुना नेट डेब्ट टू EBITDA के बराबर है। इसके अलावा, कंपनी के पास 53,843 करोड़ रुपये की कैश लिक्विडिटी भी मौजूद है, जो अगले 21 महीने तक के डेब्ट सर्विसिंग के लिए पर्याप्त है। इससे अडानी ग्रुप की क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार देखने को मिला है। जून महीने में 87 प्रतिशत रन-रेट EBITDA उन एसेट्स से आया जिनकी डोमेस्टिक रेटिंग 'AA-' या उससे ऊपर है। इसके साथ ही ऑपरेशन से कैश फ्लो 66,527 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।

अडानी ग्रुप का कुल एसेट बेस अब 6.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पिछले एक साल में इस आधार में 1.26 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। इससे पता चलता है कि ग्रुप की संपत्ति और निवेश दोनों ही तेजी से बढ़ रहे हैं।

इनक्यूबेटेड बिजनेस की तेजी

अडानी एंटरप्राइजेज के इनक्यूबेटेड बिजनेस तेजी से विकसित हो रहे हैं। आठ अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में से सात प्रोजेक्ट्स लगभग 70 प्रतिशत पूरे हो चुके हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी की ऑपरेशनल कैपेसिटी पिछले साल के मुकाबले 45 प्रतिशत बढ़कर 15,816 मेगावाट हो गई है। इसमें सोलर, विंड और हाइब्रिड पावर प्लांट शामिल हैं।

निवेशकों और बाजार पर असर

इस शानदार प्रदर्शन के बाद निवेशकों का भरोसा अडानी ग्रुप पर और बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी की मजबूत EBITDA ग्रोथ और कम लेवरेज निवेशकों के लिए आकर्षक संकेत हैं। इसके अलावा, पोर्टफोलियो में विविधता और ऊर्जा सेक्टर में तेजी ग्रुप को लंबे समय तक वित्तीय मजबूती प्रदान करेगी।

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