Columbus

अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए विदेशी छात्रों के रोके रास्ते, ट्रंप के ट्रैवल बैन से वीजा और दाखिले में बढ़ा संकट

अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए विदेशी छात्रों के रोके रास्ते, ट्रंप के ट्रैवल बैन से वीजा और दाखिले में बढ़ा संकट

ट्रंप की ट्रैवल बैन नीति से अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, कई छात्रों का वीजा अटका, कुछ छात्र अब यूरोप में शिक्षा के विकल्प तलाश रहे हैं।

US Update: अमेरिका में उच्च शिक्षा पाने का सपना देख रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए हालात और मुश्किल हो गए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रैवल बैन नीतियों ने कई देशों के छात्रों के अमेरिका जाने के रास्ते बंद कर दिए हैं। खासकर अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार और कुछ अन्य देशों के छात्रों के लिए यह बाधा गंभीर साबित हो रही है। इस नीतिगत प्रतिबंध की वजह से हजारों छात्र अपनी उच्च शिक्षा की योजनाओं को स्थगित कर रहे हैं या पूरी तरह छोड़ रहे हैं।

अफगानिस्तान की छात्रा बहारा साघरी का अनुभव

अफगानिस्तान की 21 वर्षीय बहारा साघरी ने कई वर्षों तक अंग्रेजी का अभ्यास किया और इलिनॉयस के एक निजी लिबरल आर्ट्स कॉलेज में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में दाखिला हासिल किया। लेकिन ट्रंप की ट्रैवल बैन नीति ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। बहारा का कहना है कि “आप सोचते हैं कि आप अपने सपनों की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन अचानक कुछ ऐसा होता है कि सब कुछ चला जाता है।” इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों में निराशा और असहायपन की भावना को बढ़ा दिया है।

19 देशों के नागरिकों पर लगाया गया बैन

ट्रंप प्रशासन ने 19 देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन देशों में अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, लीबिया और कुछ अफ्रीकी देशों के छात्र शामिल हैं। कई ऐसे छात्र जिन्होंने वर्षों की मेहनत और धन खर्च कर अमेरिका में दाखिला लिया था, अब अपनी पढ़ाई रोकने या स्थगित करने को मजबूर हैं। इस बैन ने अमेरिका के उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पहुंच को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

वीज़ा प्रक्रिया में देरी बनी बड़ी बाधा

कई छात्र जिन्हें अमेरिका के कॉलेजों में दाखिला मिल चुका था, वे वीज़ा प्रक्रिया में देरी के कारण अभी तक अमेरिका नहीं जा पाए हैं। ट्रंप प्रशासन ने वीज़ा प्रक्रिया को जटिल और लंबा कर दिया है, जिससे छात्र असहाय महसूस कर रहे हैं। कुछ छात्रों ने कानूनी और प्रशासनिक परेशानियों के चलते अमेरिका आने का फैसला स्थगित कर दिया।

ट्रैवल बैन वाले छात्रों की सबसे कठिन स्थिति

पिछले साल मई से सितंबर के बीच, अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्रैवल बैन वाले 19 देशों के नागरिकों को केवल 5700 से अधिक F-1 और J-1 वीजा जारी किए। इनमें ईरान और म्यांमार के छात्रों को कुछ राहत मिली, लेकिन अधिकांश छात्रों के लिए स्थिति बेहद कठिन रही। जिन छात्रों के ट्रैवल को पूरी तरह से बैन किया गया, वे अब सबसे ज्यादा असहाय हैं और अपनी पढ़ाई के लिए दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं।

फिर भी अमेरिका छात्रों की पहली पसंद बना 

ईरान के 17 वर्षीय पूया करामी ने पिट्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी में पॉलिमर केमिस्ट्री की पढ़ाई शुरू करने की योजना बनाई थी। लेकिन ट्रैवल बैन के कारण उन्हें अपना दाखिला स्थगित करना पड़ा। पूया ने कहा कि वह अमेरिका पर पूरी तरह फोकस कर रहे हैं और अगले साल फिर से प्रयास करेंगे। उन्होंने दूतावास और अमेरिकी सांसदों से संपर्क कर बैन हटाने की कोशिश जारी रखी है।

ट्रैवल बैन के तहत 12 देशों पर पूर्ण प्रतिबंध

ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के लिए 12 देशों के नागरिकों पर नए वीज़ा लेने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। कुछ मामलों में ग्रीन कार्ड धारकों और ड्यूल सिटिजन को छूट दी गई है, लेकिन अधिकांश छात्र स्टूडेंट वीज़ा के लिए प्रभावित हुए हैं। ट्रंप के अनुसार, इन देशों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया कमजोर है, और जब तक यह सुधार नहीं होती, प्रतिबंध जारी रहेगा।

Leave a comment