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भारत-चीन रिश्तों में नई उड़ान, जल्द बहाल होंगी सीधी हवाई सेवाएं

भारत-चीन रिश्तों में नई उड़ान, जल्द बहाल होंगी सीधी हवाई सेवाएं

भारत और चीन 5 साल बाद सीधी उड़ानों की बहाली पर काम कर रहे हैं। तियानजिन में होने वाले SCO सम्मेलन में इसका ऐलान संभव है, जिससे व्यापार और पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा।

बीजिंग/नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच करीब पांच साल बाद सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू होने की संभावना बन रही है। चीन ने गुरुवार को पुष्टि की कि वह भारत के साथ मिलकर जल्द से जल्द हवाई संपर्क बहाल करने पर काम कर रहा है। यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में सुधार, व्यापार, पर्यटन और आपसी सहयोग को नया मोड़ दे सकता है।

मंत्रालय का बयान: हवाई संपर्क बहाली पर तेजी से काम

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि दोनों देश लगातार संपर्क में हैं और सीधी उड़ानों की बहाली पर गंभीरता से काम हो रहा है। उनका कहना था, “हम भारत के साथ मिलकर जल्द से जल्द सीधी उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं।”

सूत्रों के मुताबिक, 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में होने वाले Shanghai Cooperation Organisation (SCO) सम्मेलन के दौरान इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।

शंघाई में अहम बातचीत

भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने हाल ही में शंघाई में China Eastern Airlines के सीनियर मैनेजमेंट से मुलाकात की। इस बैठक में पर्यटन, हवाई सेवाओं और आतिथ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि शंघाई में पर्यटन और एविएशन सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं और यह बातचीत सकारात्मक परिणाम दे सकती है।

क्यों रुकी थीं सीधी उड़ानें?

भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें साल 2020 में कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनाव के कारण बंद कर दी गई थीं। इससे पहले, China Eastern Airlines और Air China जैसी कंपनियां दिल्ली सहित कई भारतीय शहरों के लिए रोजाना उड़ानें संचालित करती थीं। दोनों देशों की कुल आबादी लगभग 2.8 अरब है और हवाई सेवाओं की बहाली से व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई गति मिलेगी।

सीधी उड़ानों से क्या होगा फायदा?

प्रवक्ता लिन जियान के अनुसार, सीधी उड़ानें शुरू होने से दोनों देशों के नागरिकों के बीच यात्रा आसान होगी और आपसी सहयोग को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के नेता पहले ही कई समझौतों को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं। हाल ही में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद कई संवाद तंत्रों को फिर से सक्रिय करने का फैसला किया गया।

उच्च-स्तरीय कूटनीतिक गतिविधियां

खबर है कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी 18 अगस्त को भारत का दौरा कर सकते हैं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ विशेष प्रतिनिधि वार्ता में हिस्सा लेंगे। इस वार्ता में सीमा विवाद सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। हालांकि, इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
लिन जियान ने कहा कि दोनों देश आपसी भरोसा बढ़ाने और मतभेद सुलझाने के लिए तैयार हैं।

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