ड्रीम11 के प्रायोजन से बाहर होने के बाद अब अपोलो टायर्स भारतीय क्रिकेट टीम का नया प्रायोजक बन गया है। इस जानकारी की पुष्टि बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को मंगलवार को की। हालांकि, बोर्ड ने अभी तक इस बदलाव को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसकों के लिए बड़ी खबर है। भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम अब जल्द ही अपनी जर्सी पर अपोलो टायर्स का नाम देख सकती है। बीसीसीआई ने अपोलो टायर्स को टीम इंडिया का नया प्रायोजक बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, और यह करार 2027 तक के लिए है। इस साझेदारी से अपोलो टायर्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान मिलने की उम्मीद है।
भारतीय टीम बिना प्रायोजक के मैदान में
यूएई में चल रहे एशिया कप 2025 में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम बिना किसी जर्सी प्रायोजक के उतरी है। वहीं, महिला टीम भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में बिना प्रायोजक खेल रही है। आगामी महिला वनडे विश्व कप, जो 30 सितंबर से भारत और श्रीलंका के संयुक्त मेजबानी में शुरू हो रहा है, में महिला टीम की जर्सी पर नए प्रायोजक का नाम दिखाई देगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
BCCI का अपोलो टायर्स के साथ करार
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को जानकारी दी कि अपोलो टायर्स के साथ करार हो गया है और इसे जल्द ही आधिकारिक रूप से घोषित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह करार 2027 तक का है और अपोलो टायर्स प्रति मैच 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। यह ड्रीम11 के पुराने चार करोड़ रुपये प्रति मैच के सौदे से अधिक है।
बोली प्रक्रिया में अपोलो टायर्स के अलावा कैनवा और जेके टायर भी शामिल थे। वहीं, बिड़ला ऑप्टस पेंट्स ने निवेश में दिलचस्पी दिखाई, लेकिन बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लिया।
बीसीसीआई की बोली प्रक्रिया
2 सितंबर को बीसीसीआई ने भारतीय टीम के मुख्य प्रायोजक अधिकारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि गेमिंग, सट्टेबाजी, क्रिप्टो और तंबाकू ब्रांड इस बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकते। यह कदम सुनिश्चित करता है कि टीम इंडिया की जर्सी पर सकारात्मक और सुरक्षित ब्रांड्स की ही पहचान हो।
इस करार से अपोलो टायर्स को भारतीय क्रिकेट के व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में बड़ी ब्रांडिंग और वैश्विक पहचान मिलेगी। यह स्पॉन्सरशिप हाल के वर्षों में बीसीसीआई द्वारा किए गए सबसे बड़े और लाभदायक अनुबंधों में से एक मानी जा रही है। इससे पहले, टीम इंडिया का जर्सी प्रायोजर ड्रीम11 था, जिसने बायजू की जगह ली थी। हालांकि, हाल ही में पारित ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के कारण ड्रीम11 को अनुबंध से बाहर होना पड़ा। ड्रीम11 एक बेटिंग-संबंधित एप है और इस पर हाल ही में बैन लगा दिया गया। इस कारण 358 करोड़ रुपये का करार समय से पहले समाप्त हो गया।