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भारतीय सेना की कार्रवाई से जैश-ए-मोहम्मद कमजोर, मसूद इलियास ने खोला राज़

भारतीय सेना की कार्रवाई से जैश-ए-मोहम्मद कमजोर, मसूद इलियास ने खोला राज़

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया। कमांडर मसूद इलियास ने कहा कि मसूद अजहर का परिवार बहावलपुर में मारा गया। यह अभियान संगठन के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।

Pakistan: भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के असर अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक वरिष्ठ कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने हाल ही में इंटरनेट पर वायरल हुए वीडियो में बताया कि ऑपरेशन के दौरान संगठन को गंभीर क्षति हुई। उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय सेना ने कई आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर संगठन के नेताओं और उनके करीबी परिवारों को निशाना बनाया।

मसूद इलियास ने कहा कि आतंकवाद को गले लगाते हुए हमने अपने देश की सरहदों की सुरक्षा सुनिश्चित की। इसके लिए दिल्ली, काबुल और कंधार से लड़ाई लड़नी पड़ी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को मसूद अजहर के परिवार का बहावलपुर में मारा जाना इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता थी।

मसूद इलियास की कबूलनामा वीडियो का विवरण

वीडियो में मसूद इलियास स्पष्ट रूप से बताते हैं कि संगठन ने भारतीय सीमा पर अपने पैर जमा लिए थे और कई बार आतंकी हमले किए। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर ने उन्हें गंभीर झटका दिया। उन्होंने कहा, "हमने अपना सब कुछ कुर्बान किया। लेकिन भारतीय सेना ने ठोस योजना और गहन रणनीति के तहत हमारे प्रमुख ठिकानों को नष्ट किया।"

ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति 

ऑपरेशन सिंदूर को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था। बताया गया कि भारतीय सेना ने विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकवादी ठिकानों की पहचान की। जिस वजह से ठिकानों के भीतर मौजूद प्रमुख कमांडरों और उनके सहयोगियों को निशाना बनाया गया।

सैन्य सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन में इंटेलिजेंस नेटवर्क, सटीक हमले, और सुरक्षा बलों की तालमेल क्षमता का विशेष योगदान रहा। ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।

मसूद अजहर के परिवार पर हमले का खुलासा

मसूद इलियास के बयान के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर में मसूद अजहर के परिवार को मार गिराया गया। यह घटना संगठन के लिए गंभीर झटका साबित हुई, क्योंकि मसूद अजहर संगठन के लिए महत्वपूर्ण था और उसके परिवार की सुरक्षा संगठन की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी। जैश के कमांडर ने कबूल किया कि ऑपरेशन ने संगठन में भय और अशांति पैदा की। इसके बाद संगठन के अन्य सदस्यों ने सीमाओं पर अपनी गतिविधियों में काफी हद तक कटौती की।

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