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शरद पवार का बड़ा बयान: ‘CM फडणवीस को शिवाजी का अनुसरण करना चाहिए’, महाराष्ट्र सरकार को दी चेतावनी

शरद पवार का बड़ा बयान: ‘CM फडणवीस को शिवाजी का अनुसरण करना चाहिए’, महाराष्ट्र सरकार को दी चेतावनी

महाराष्ट्र में राजनीति और किसानों के मुद्दों पर एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर किसानों की दुर्दशा के प्रति लापरवाह होने का आरोप लगाया और सरकार को चेतावनी दी।

मुंबई: एनसीपी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर किसानों की दुर्दशा के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। पवार ने सोमवार (15 सितंबर) को चेतावनी दी कि विपक्ष सरकार का ध्यान कृषि संकट की ओर आकर्षित करने के लिए अपना विरोध और तेज करेगा। इस संदर्भ में उन्होंने नासिक में अपनी पार्टी की ओर से आयोजित ‘आक्रोश मोर्चा’ का नेतृत्व किया, जिसमें किसानों की कठिनाइयों और उनकी मांगों को उजागर किया गया।

आक्रोश मोर्चा: किसानों के समर्थन में प्रदर्शन

पवार ने नासिक में अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ खुली जीप में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एनसीपी (एसपी) ने सरकार से मांग की कि प्रभावित क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और किसानों का पूर्ण कर्जमाफी सुनिश्चित की जाए। पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर सरकार एक महीने के भीतर कर्जमाफी की घोषणा नहीं करती है, तो उनकी पार्टी राज्य में मंत्रियों के दौरे को बाधित करेगी।

रैली के दौरान पवार ने कहा, हमने मीडिया में देवभाऊ (देवेंद्र फडणवीस) के पोस्टर देखे हैं, जिसमें वे छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने हाथ जोड़ते नजर आ रहे हैं। फडणवीस को उस महान योद्धा राजा के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए, जिसने सुनिश्चित किया कि किसानों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि यह प्रदर्शन महज एक शुरुआत है। 

पवार ने कहा, देवभाऊ, चारों ओर नजर डालिए और देखिए क्या हो रहा है। नेपाल में लोगों ने एक ऐसी सरकार को उखाड़ फेंका, जो उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही।

किसानों की कठिनाइयों को उजागर किया

पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीन है। उन्होंने दावा किया कि किसानों को उनकी फसलों का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल रहा और निर्यात पर कई प्रतिबंध हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्ज किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या है और इसे तुरंत हल किया जाना चाहिए। पवार ने चेतावनी दी, “अगर सरकार आंखें मूंदे रहेगी, तो आत्महत्याएं, जो हजारों में हैं, लाखों में पहुंच सकती हैं और हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।”

विरोध प्रदर्शन के दौरान एनसीपी (एसपी) ने प्याज, अंगूर और अन्य फसलों के लिए उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की भी मांग की। पार्टी के महासचिव रोहित पवार ने कहा, “महाराष्ट्र ने पिछले आठ वर्षों में जीएसटी के रूप में राष्ट्रीय खजाने में दो लाख करोड़ रुपये दिए हैं। सरकार कर्जमाफी के लिए 35,000 करोड़ रुपये क्यों नहीं दे सकती?”

सुप्रिया सुले का आरोप

सुप्रिया सुले ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने किसानों को 70,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं को ‘लाडकी बहिन योजना’ के तहत धनराशि दी, लेकिन समीक्षा के पहले चरण में ही 25 लाख महिलाओं के नाम हटा दिए गए। सुले ने चेतावनी दी कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मामले में जन आंदोलन चलाया जाएगा।

सुले ने यह भी आरोप लगाया कि नासिक जिला केंद्रीय सहकारी (NDCC) बैंक की सूची से 65,000 किसानों के नाम हटा दिए गए, जबकि नए नाम जोड़े गए। उन्होंने कहा कि एनसीपी (एसपी) इस मामले की पूरी जांच की मांग करेगी।

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