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भारतीय टेस्ट टीम में नंबर-3 पोजीशन बना सबसे बड़ा सिरदर्द, द्रविड़-पुजारा जैसे भरोसेमंद बल्लेबाज की कमी

भारतीय टेस्ट टीम में नंबर-3 पोजीशन बना सबसे बड़ा सिरदर्द, द्रविड़-पुजारा जैसे भरोसेमंद बल्लेबाज की कमी

भारतीय टेस्ट टीम के लिए मौजूदा समय में नंबर-3 की पोजीशन एक बड़ी सिरदर्द बन चुकी है। कभी इस स्थान पर राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे भरोसेमंद बल्लेबाजों ने टीम इंडिया को मुश्किल हालात से उबारा था।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के लिए मौजूदा समय में नंबर-3 बल्लेबाजी पोजीशन सबसे बड़ी समस्या बन गई है। एक समय था जब इस स्थान पर राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज खेलते थे और टीम इंडिया को मुश्किल हालात में संभालते थे। लेकिन इन दोनों दिग्गजों के संन्यास के बाद अब तक भारतीय टीम इस पोजीशन के लिए कोई स्थायी और भरोसेमंद बल्लेबाज नहीं तलाश पाई है।

राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में 135 टेस्ट मुकाबलों में नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए 10,000 से ज्यादा रन बनाए थे। वहीं चेतेश्वर पुजारा ने 95 टेस्ट में इस स्थान पर उतरकर टीम के लिए कई यादगार पारियां खेली थीं। मगर उनके जाने के बाद से टीम लगातार नए खिलाड़ियों को आजमा रही है, लेकिन कोई भी लंबे समय तक इस स्थान पर टिक नहीं सका है।

जून 2023 के बाद 6 बल्लेबाज, फिर भी हल नहीं हुई समस्या

जून 2023 के बाद भारतीय टीम ने नंबर-3 की पोजीशन पर कुल 6 बल्लेबाजों को आजमाया है, लेकिन कोई भी बल्लेबाज इस पोजीशन के लिए स्थायी विकल्प साबित नहीं हो सका। इसमें सबसे ज्यादा मौके शुभमन गिल को मिले, लेकिन वह भी इस स्थान पर असहज नजर आए। शुभमन गिल ने नंबर-3 की पोजीशन पर 16 टेस्ट मुकाबले खेले और 972 रन बनाए। 

लेकिन उनके खेलने के अंदाज से यह साफ नजर आया कि वह इस स्थान पर सहज नहीं थे। कप्तानी मिलने के बाद उन्होंने खुद को नंबर-4 पर शिफ्ट कर लिया, जहां से उनके खेल में जबरदस्त निखार आया और अब वह इस स्थान पर जम चुके हैं।

राहुल, पड्डीक्कल और कोहली भी नाकाम रहे

नंबर-3 पर केएल राहुल, देवदत्त पड्डीक्कल और विराट कोहली को भी मौका मिला। केएल राहुल अब ओपनिंग कर रहे हैं। देवदत्त पड्डीक्कल टीम से बाहर हो चुके हैं। विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इन तीनों में से कोई भी खिलाड़ी नंबर-3 के लिए फिट नहीं बैठा। इंग्लैंड दौरे पर करुण नायर को नंबर-3 पर आजमाया गया। घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उनसे उम्मीदें काफी थीं, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर वह पूरी तरह नाकाम रहे।

दो मैच में चार पारियां खेलीं। कुल 111 रन बनाए। एक भी अर्धशतक नहीं। उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और उन्होंने टीम की इस समस्या को और गहरा कर दिया।

साई सुदर्शन का डेब्यू भी रहा फीका

इसी दौरे पर साई सुदर्शन ने अपना डेब्यू किया। पहली पारी में खाता तक नहीं खोल पाए। दूसरी पारी में बनाए सिर्फ 30 रन। उनके प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें इस कठिन पोजीशन पर जमने के लिए अभी लंबा समय और अनुभव चाहिए। टेस्ट क्रिकेट में नंबर-3 का बल्लेबाज वह कड़ी होता है, जो ओपनर के जल्दी आउट होने के बाद पारी को संभालता है और टीम को स्थिरता देता है। 

यह स्थान तकनीक और मानसिक मजबूती की असली परीक्षा लेता है। राहुल द्रविड़ और पुजारा जैसे बल्लेबाज इसी वजह से खास माने जाते थे। उनके बाद इस स्थान के लिए टीम के पास कोई स्थायी और भरोसेमंद नाम नहीं है।

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