बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बीच केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बुधवार (08 अक्टूबर, 2025) को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बस मान्यता चाहती है, और उन्हें मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री पद की कोई इच्छा नहीं है।
पटना: एनडीए में सीट बंटवारे से पहले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार (08 अक्टूबर, 2025) को चौंकाने वाला बयान दिया। मांझी ने कहा कि "हमारे यहां सीट का कोई झगड़ा नहीं है। हम बिहार विधानसभा में मान्यता प्राप्त होने लायक सीट मांग रहे हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी यह अपेक्षा इसलिए है क्योंकि उनकी पार्टी कोई मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री पद नहीं चाहती।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, हम बस चाहते हैं कि हमारी पार्टी को मान्यता मिले, यही हमारी मुख्य मांग है। जब उनसे पूछा गया कि अगर यह नहीं होता तो क्या करेंगे, तो मांझी ने जवाब दिया, तो हम एक सीट पर भी नहीं लड़ेंगे लेकिन, एनडीए में बने रहेंगे।
जीतन राम मांझी का बयान
जीतन राम मांझी ने संवाददाताओं से कहा, "हम बस चाहते हैं कि हमारी पार्टी को मान्यता मिले। इसलिए यही हमारी मुख्य मांग है। हम किसी पद या सत्ता के पीछे नहीं हैं। अगर ये नहीं होगा, तो हम एक सीट पर भी नहीं लड़ेंगे, लेकिन एनडीए में रहना जारी रखेंगे। मांझी के इस बयान ने बिहार के राजनीतिक समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है। एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी और जेडीयू सहित तमाम बड़े नेताओं के बीच अभी भी मंथन चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, अब तक के फॉर्मूले के अनुसार जीतन राम मांझी को सात सीटें दी जा सकती हैं। हालांकि मांझी अपनी पार्टी के लिए 15 सीटों की मांग कर रहे हैं। एनडीए की बड़ी पार्टियां जैसे जेडीयू और बीजेपी इतनी अधिक सीट देने के पक्ष में नहीं हैं। इसके अलावा, चिराग पासवान भी सीटों को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। यही वजह है कि एनडीए में सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं हो सकी।