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बिहार सियासत में जुबानी जंग: चिराग पासवान पर मुकेश सहनी का तंज, ‘शेर का बेटा आधे मैदान में नहीं उतरता’

बिहार सियासत में जुबानी जंग: चिराग पासवान पर मुकेश सहनी का तंज, ‘शेर का बेटा आधे मैदान में नहीं उतरता’

एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, उन्होंने खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इसका फैसला जनता पर छोड़ दिया है।

Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज़ बयानबाज़ी के दौर में है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के 'मैं शेर का बेटा हूं' वाले बयान पर अब विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने पलटवार करते हुए तीखा तंज कसा है। चिराग पासवान ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वह सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक बेटे के तौर पर बिहार की लड़ाई लड़ेंगे। इस पर मुकेश सहनी ने सवाल उठाते हुए कहा, शेर का बेटा अगर है तो मैदान में पूरा उतरे, आधा क्यों?

मुकेश सहनी का चिराग पर हमला

पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुकेश सहनी ने चिराग पासवान की रणनीति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा: उन्हें इतनी हिम्मत नहीं कि 243 सीटों पर लड़ सकें। पहले सिर्फ 135 सीटों पर लड़े थे और वो भी सिर्फ नीतीश कुमार से लड़ने के नाम पर। शेर का बेटा ऐसा नहीं करता जो आधा मैदान ही चुने। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन राजनीति में दावे और धरातल में बहुत फर्क होता है।

मुकेश सहनी ने चिराग की राजनीतिक स्थिति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में हैं, चिराग उनकी छत्रछाया से बाहर नहीं आएंगे। जब तक पीएम मोदी 2029 तक सत्ता में रहेंगे, चिराग पासवान उनका अनुसरण करते रहेंगे। उन्होंने खुद को स्वतंत्र नेता साबित नहीं किया है।

चिराग का दावा: मैं शेर का बेटा हूं, बिहार के लिए लड़ूंगा

चिराग पासवान ने हाल ही में एलजेपीआर के एक कार्यक्रम में कहा कि 2025 बिहार के लिए निर्णायक साल होगा और वे राज्य में सामाजिक न्याय व विकास की राजनीति को मजबूत करेंगे। उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं, सम्मान और विकास का है। जनता को अब सवाल पूछने चाहिए कि नेताओं ने पिछले वर्षों में क्या किया है। 

आंख मूंदकर भरोसा करने का वक्त गया। चिराग ने संकेत दिया कि वे खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन किस सीट से लड़ेंगे, यह फैसला जनता पर छोड़ दिया है।

VIP बनाम LJP-R: पिछड़े वोटों में सेंधमारी की जंग

बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी और चिराग पासवान दोनों खुद को पिछड़े और दलित वर्ग के सबसे बड़े प्रतिनिधि के रूप में पेश करने की होड़ में हैं। मुकेश सहनी "मल्लाह समाज" और Extremely Backward Classes (EBC) में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए दलित मतदाताओं को साधने में लगे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह जुबानी जंग आगामी विधानसभा चुनावों में पोलराइजेशन और सीटों के बंटवारे पर असर डाल सकती है।

2025: सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने की सीधी लड़ाई?

  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब करीब एक साल बचा है, लेकिन राजनीतिक दलों में सरगर्मी अभी से चरम पर है।
  • एक तरफ भाजपा-जेडीयू का गठबंधन सामाजिक न्याय और विकास का एजेंडा लेकर आगे बढ़ रहा है।
  • दूसरी ओर राजद और कांग्रेस महागठबंधन में लोकलुभावन वादों से जनाधार मजबूत करना चाहते हैं।
  • वहीं एलजेपीआर और वीआईपी जैसी छोटी पार्टियां "किंगमेकर" बनने की तैयारी में हैं।

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