सोनिया गांधी ने गाजा में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन पर पीएम मोदी की चुप्पी को शर्मनाक बताया और भारत से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
New Delhi: गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई और मानवीय संकट (humanitarian crisis) को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने चिंता जताई है। उन्होंने एक लेख में प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को ‘शर्मनाक’ बताया और भारत की पारंपरिक विदेश नीति (foreign policy) से भटकने का आरोप लगाया। सोनिया ने गाजा में ज़रूरी आपूर्ति रोकने को एक क्रूर रणनीति करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय (international community) से हस्तक्षेप की अपील की है।
गाजा पर इजरायल के हमलों को बताया 'मानवता के खिलाफ अपराध'
सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा है कि इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) द्वारा गाजा में किए जा रहे सैन्य अभियान और नाकेबंदी ने लाखों लोगों को भूख, बीमारी और असुरक्षा के हालात में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि भोजन, दवाओं और ईंधन जैसी बुनियादी आपूर्तियों को जानबूझकर रोका जा रहा है।
गांधी ने इसे एक सुनियोजित और क्रूर रणनीति बताते हुए लिखा, “यह केवल युद्ध नहीं, बल्कि एक मानव निर्मित त्रासदी (man-made tragedy) है। गाजा के लोगों को उनके मूलभूत मानव अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।”
बुनियादी ढांचे को किया गया नष्ट
लेख में सोनिया गांधी ने गाजा के बुनियादी ढांचे की तबाही का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा – “इजरायली नाकेबंदी ने अस्पतालों, बिजली, पानी और संचार व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। लोग अस्पतालों में इलाज के बिना मर रहे हैं, बच्चों को दूध तक नहीं मिल पा रहा है। यह एक इंसानियत के खिलाफ सुनियोजित हमला है।”
इंटरनेशनल कम्युनिटी से की हस्तक्षेप की अपील
सोनिया गांधी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह गाजा में हो रहे इस मानवीय संकट को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए। उन्होंने कहा – “यह केवल इजरायल और फिलिस्तीन का संघर्ष नहीं है। यह एक ग्लोबल ह्यूमैन रेस्पॉन्स (global human response) की मांग करने वाला मामला है।”
भारत की ऐतिहासिक भूमिका पर उठाए सवाल
अपने लेख में सोनिया गांधी ने भारत की पारंपरिक विदेश नीति (foreign policy) और गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement) की विरासत की याद दिलाई। उन्होंने लिखा कि भारत ने हमेशा मानवाधिकार, शांति और समानता का समर्थन किया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि, “क्या आज का भारत उसी नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के साथ खड़ा है, जिनके लिए वह जाना जाता था? क्या हम अब केवल रणनीतिक साझेदारी और राजनीतिक समीकरणों के आधार पर अपनी चुप्पी तय करेंगे?”
पीएम मोदी की चुप्पी को बताया ‘निराशाजनक’
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया न आने को ‘शर्मनाक चुप्पी’ बताया है। उन्होंने कहा कि जब गाजा में हज़ारों लोग जान गंवा रहे हैं, जब लाखों लोग भुखमरी और बीमारी से पीड़ित हैं, तब भारत की चुप्पी उसकी नैतिक जिम्मेदारी से विमुखता है।
उन्होंने लिखा – “यह वक्त है जब भारत को स्पष्ट, सशक्त और मानवतावादी रुख अपनाना चाहिए। यह वही विरासत है जो हमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं से मिली है।”