उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 से एक दिन पहले BJD और BRS ने मतदान से दूरी बनाई। NDA और India Bloc के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। BRS ने किसानों की समस्याओं पर ध्यान, BJD ने राज्य विकास को प्राथमिकता दी।
VC Election: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए अब सिर्फ एक दिन शेष है। 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से मतदान शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा। इस चुनाव में दो प्रमुख दलों- बीजू जनता दल (BJD) और भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) ने मतदान से दूर रहने का बड़ा फैसला किया है। दोनों दल राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे एनडीए (NDA) और इंडिया ब्लॉक (India Bloc) दोनों से समान दूरी बनाए रखेंगे।
BRS का मत न देने का कारण
भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव (KTR) ने इस फैसले का कारण राज्य में यूरिया की कमी और किसानों की समस्याओं को बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस मुद्दे को हल करने में विफल रहे हैं। राव ने कहा कि यूरिया की कमी इतनी गंभीर है कि कतारों में लगे किसानों के बीच हाथापाई की घटनाएं हो रही हैं।
BRS ने स्पष्ट किया कि यदि चुनाव में NOTA (None of the Above) का विकल्प उपलब्ध होता तो वे इसका प्रयोग करते। इसका उद्देश्य यह दिखाना था कि वे मतदान में शामिल नहीं होकर भी अपनी असहमति और किसानों की पीड़ा को अभिव्यक्त करना चाहते हैं।
BJD की प्राथमिकता: ओडिशा और राज्यवासियों का कल्याण
बीजू जनता दल (BJD) की ओर से नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता हमेशा ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर केंद्रित रही है। पात्रा ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति और सांसदों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया कि BJD उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करेगी।
उन्होंने साफ किया कि BJD किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा नहीं है और NDA और India Bloc दोनों से समान दूरी बनाए रखेगी। उनका ध्यान केवल राज्य के विकास और कल्याण पर केंद्रित रहेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित होता है। मतदान के लिए एक निर्वाचक मंडल का गठन किया गया है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सांसद शामिल होते हैं। इस बार के चुनाव के लिए इंडिया ब्लॉक ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि NDA ने सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार घोषित किया है।
उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई को रिक्त हो गया था, जब जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। अब यह चुनाव रिक्त पद को भरने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
मतदान का समय
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। इस चुनाव में सांसदों की भागीदारी से निर्वाचक मंडल के माध्यम से मतगणना होगी। यह चुनाव केवल संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए भी एक संकेत है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति और नीतियों का समर्थन कैसे कर रहे हैं।
BJD और BRS के मतदान से दूर रहने के फैसले ने चुनाव के राजनीतिक परिदृश्य को और रोचक बना दिया है। इससे उम्मीदवारों के लिए वोट प्रतिशत में बदलाव और रणनीति पर असर पड़ सकता है।
BRS और BJD का राजनीतिक संदेश
BRS और BJD दोनों ने यह स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रीय दलों से प्रभावित नहीं होंगे। BRS ने किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए मतदान से दूरी बनाई, जबकि BJD ने राज्यवासियों के विकास और कल्याण पर फोकस किया। इस तरह, दोनों दलों ने अपने राजनीतिक दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से जनता के सामने रखा।
विशेष रूप से BRS का यह कदम किसानों के हितों और सरकारी नीतियों की आलोचना का प्रतीक माना जा रहा है। वहीं BJD का निर्णय यह दर्शाता है कि वे राज्य के मुद्दों को राष्ट्रीय राजनीति से ऊपर रखते हैं।