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BPCL और HPCL के शेयरों में जबरदस्त उछाल, रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंचे भाव

BPCL और HPCL के शेयरों में जबरदस्त उछाल, रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंचे भाव

BPCL और HPCL के शेयरों में मार्च से अब तक 50% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अच्छे तिमाही नतीजों की उम्मीद से निवेशकों में उत्साह है।

Stock Market: भारत की दो प्रमुख ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) के शेयरों में बीते कुछ महीनों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। सिर्फ चार महीने में इन कंपनियों के शेयरों ने 50% से ज्यादा की छलांग लगाई है। ब्रोकरेज फर्म्स और बाजार विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, मजबूत तिमाही नतीजों की उम्मीद और इन्वेंट्री नुकसान में कमी जैसी वजहों से यह तेजी देखने को मिल रही है।

रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंचे शेयर

मंगलवार को बीएसई पर HPCL का शेयर लगभग 2% की तेजी के साथ ₹452.4 पर पहुंच गया, जो इसके रिकॉर्ड स्तर ₹457.20 के बेहद करीब है। यह रिकॉर्ड 5 सितंबर 2024 को बना था। मार्च 2025 में HPCL का शेयर ₹287.55 तक गिर गया था, वहां से अब तक करीब 57% की बढ़त हो चुकी है।

इसी तरह BPCL का शेयर भी ₹357.55 पर कारोबार करता दिखा, जबकि इसका रिकॉर्ड हाई ₹376 रहा है जो 30 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया था। मार्च में BPCL का शेयर ₹234.15 तक गिरा था, और तब से अब तक इसमें लगभग 53% की तेजी आई है।

कम तेल कीमतों से बढ़ा मुनाफा

जानकारों का मानना है कि मार्च से जून 2025 की तिमाही में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगभग 12% की गिरावट आई है। साल-दर-साल तुलना करें तो यह गिरावट 18% तक पहुंचती है। इसके बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी रहीं, जिससे HPCL, BPCL और IOCL जैसी कंपनियों के लिए रिफाइनिंग मार्जिन बेहतर हुआ।

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हाल ही में घरेलू LPG की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की है, जिससे ₹2 प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी के असर को संतुलित किया जा सका। साथ ही, जून में क्रूड के दाम फिर से चढ़े, जिससे पुराना स्टॉक अब सस्ता नहीं रहा और इन्वेंट्री लॉस की आशंका भी कम हो गई।

ब्रोकरेज हाउसेज के अनुमान

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक, Q1FY26 में BPCL का EBITDA तिमाही आधार पर 53% और सालाना आधार पर 2.1 गुना तक बढ़ सकता है। HPCL के लिए यह अनुमान 49% तिमाही और 4.1 गुना सालाना ग्रोथ का है।

IOCL के लिए भी अनुमान है कि उसका EBITDA 31% तिमाही आधार पर और 2.1 गुना सालाना बढ़ेगा। JM Financial ने भी अपनी रिपोर्ट में यह संकेत दिया है कि HPCL और BPCL का EBITDA 52% से 69% तक बढ़ सकता है, खासकर रिटेल फ्यूल से अच्छी कमाई की वजह से। हालांकि IOCL को इन्वेंट्री नुकसान के चलते थोड़ा कम फायदा होगा।

लंबी अवधि की रणनीति को लेकर राय बंटी हुई

जहां एक ओर JM Financial ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लेकर सतर्क रुख अपनाया है, वहीं Elara Capital ने इन कंपनियों को लेकर पॉजिटिव नजरिया रखा है। JM का मानना है कि ऊंचे वैल्यूएशन और बड़े पूंजीगत खर्च के चलते OMCs में रिस्क-रिवॉर्ड अनुपात संतुलित नहीं है।

Elara Capital का मानना है कि सरकार ऊर्जा क्षेत्र के ट्रांजिशन को देखते हुए OMCs को ऐतिहासिक मार्जिन से अधिक मुनाफा कमाने की अनुमति दे सकती है। विश्लेषकों के अनुसार BPCL को अगले पांच वर्षों में मुनाफा दोगुना करने के लिए प्रति टन कम से कम ₹3250 के मार्जिन की जरूरत होगी।

HPCL की ग्रोथ रणनीति

Geojit Financial Services की रिपोर्ट के अनुसार HPCL को मौजूदा वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है, जिससे मुनाफा बढ़ सकता है। कंपनी ने रिटेल नेटवर्क का विस्तार किया है और आउटलेट्स पर बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिली है। साथ ही कंपनी ने मार्केटिंग प्रयासों को तेज किया है ताकि बाजार में उसका हिस्सा बढ़े और भविष्य में ग्रोथ को बरकरार रखा जा सके।

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