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चांदी ने निवेशकों को दिया तगड़ा तोहफा, सिर्फ 8 महीने में 40% बढ़त, निवेशकों के लिए बना बेस्ट विकल्प

चांदी ने निवेशकों को दिया तगड़ा तोहफा, सिर्फ 8 महीने में 40% बढ़त, निवेशकों के लिए बना बेस्ट विकल्प

2025 में चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है, अब तक कीमतों में 40% की बढ़त दर्ज की गई। पिछले एक महीने में ही चांदी 10% बढ़ी। इस तेजी से Hindustan Zinc, Vedanta जैसी माइनिंग कंपनियों और ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स को फायदा हुआ। सिल्वर ETF में भी निवेशक उत्साहित हैं, और फेडरल रिजर्व की नीतियां चांदी की मांग को सपोर्ट कर रही हैं।

Silver Returns: 2025 में चांदी ने निवेशकों को सोने से बेहतर रिटर्न दिया है। अब तक चांदी की कीमतों में 40% तक बढ़त हुई है, जबकि पिछले एक महीने में यह 10% चढ़ी। इस तेजी से Hindustan Zinc और Vedanta जैसे माइनिंग कंपनियों के शेयरों में उछाल आया है। ज्वैलरी एक्सपोर्टर कंपनियों को भी फायदा हुआ है। वहीं, सिल्वर ETF में निवेशक लगातार बढ़ रहे हैं और Nippon India का AUM 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती ने भी चांदी की मांग को बढ़ावा दिया है।

सोने और चांदी में रिटर्न का फर्क

2025 की शुरुआत में सोने का दाम 3,500 डॉलर प्रति औंस पार कर गया था, लेकिन उसके बाद इसमें खास उछाल नहीं देखा गया। वहीं चांदी ने लगातार तेजी दिखाते हुए निवेशकों को आकर्षक रिटर्न दिया। पहली बार 2011 के बाद चांदी की कीमतें 40 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंची हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी ने निवेशकों को इस साल सोने की तुलना में ज्यादा फायदा पहुंचाया है।

Hindustan Zinc और Vedanta को मिला फायदा

चांदी की कीमतों में इस तेजी का असर भारतीय माइनिंग कंपनियों के शेयरों पर भी दिखा। खासकर Hindustan Zinc और Vedanta के शेयरों में तेजी आई। Hindustan Zinc के शेयर 1 और 2 सितंबर को क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 1 प्रतिशत ऊपर बंद हुए। Vedanta के शेयरों में भी अच्छी रिकवरी दर्ज की गई।

Hindustan Zinc दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक कंपनी है। FY25 में इसने करीब 687 मीट्रिक टन चांदी का उत्पादन किया और 2030 तक इसे 1,500 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना है। कंपनी का मानना है कि चांदी की मांग और कीमतें आने वाले समय में मजबूत बनी रहेंगी।

न केवल माइनिंग कंपनियों, बल्कि ज्वैलरी एक्सपोर्टर कंपनियों जैसे Goldiam International को भी चांदी की कीमतों से लाभ हुआ है। रुपये में कमजोरी और एक्सपोर्ट की बढ़ती डिमांड से इन कंपनियों को अच्छा मुनाफा हो रहा है।

सिल्वर ETF में निवेश का उछाल

2025 में सिल्वर ETF में निवेश का जबरदस्त ट्रेंड देखने को मिला है। Nippon India के सिल्वर ETF का एसेट अंडर मैनेजमेंट अब 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारतीय निवेशक अब सिर्फ गोल्ड ETF तक सीमित नहीं हैं, बल्कि चांदी में भी लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं।

अगस्त 2025 में लगातार सातवें महीने सिल्वर ETF के AUM में बढ़त दर्ज की गई। यह 2020 के बाद सबसे लंबा ग्रोथ पीरियड है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों की बढ़ती रुचि और चांदी की मजबूत कीमतों ने इस सेक्टर को और आकर्षक बना दिया है।

फेडरल रिजर्व नीतियों का असर

चांदी की कीमतों में तेजी का एक बड़ा कारण अमेरिका की फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो बुलियन मार्केट यानी सोना और चांदी की डिमांड बढ़ जाती है। निवेशकों के लिए यह रिटर्न और आकर्षक हो जाता है। इसके चलते दुनिया भर के निवेशकों ने चांदी को सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर देखना शुरू कर दिया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में भी चांदी का रिटर्न निवेशकों के लिए आकर्षक रह सकता है। बढ़ती मांग और वैश्विक आर्थिक नीतियों का असर चांदी की कीमतों पर लगातार दिखाई दे रहा है।

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