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चीन का निर्यात अमेरिका टैरिफ के बावजूद बढ़ा, भारत की कंपनियों के लिए चेतावनी

चीन का निर्यात अमेरिका टैरिफ के बावजूद बढ़ा, भारत की कंपनियों के लिए चेतावनी

अमेरिकी टैरिफ के बावजूद चीन ने अपना निर्यात बढ़ाकर 1.2 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड अधिशेष की ओर कदम बढ़ाया है। उसका सस्ता माल भारत समेत कई देशों में पहुंच रहा है, जिससे स्थानीय उद्योगों पर दबाव है। भारत ने डंपिंग रोकने के लिए कुछ चीनी उत्पादों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है।

China boosts exports: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से चीन पर खास असर नहीं पड़ा और उसका निर्यात लगातार बढ़ रहा है। अगस्त 2025 में भारत ने चीन से 12.5 अरब डॉलर का आयात किया, जिसमें फोन-पुर्जों और चिप्स का बड़ा हिस्सा शामिल है। चीन अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका तक सस्ते सामान से बाजार पकड़ रहा है। हालांकि, भारत के वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने चीनी स्टील जैसे उत्पादों पर डंपिंग रोकने के लिए पांच साल तक एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है, ताकि घरेलू उद्योग को बचाया जा सके।

चीन ने किया निर्यात बढ़ावा

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में देश का निर्यात अमेरिका के टैरिफ के बीच भी अजेय साबित हुआ है। चीन ने अगस्त महीने में भारतीय आयात को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया। अफ्रीका में चीन के निर्यात ने वार्षिक रिकॉर्ड बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया में भी चीनी उत्पादों की बिक्री महामारी के समय के अपने चरम स्तर को पार कर गई है। इस तेजी से बढ़ते निर्यात से भारत में स्वदेशी उत्पादों की मांग पर दबाव पड़ सकता है।

टैरिफ का असर कम पड़ा

ट्रंप प्रशासन ने चीन पर भारी टैरिफ लगाए थे, लेकिन अन्य देश इस मामले में अमेरिका के साथ कदम से कदम मिलाने से बच रहे हैं। कई देश अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को बिगाड़ना नहीं चाहते। गेवेकल ड्रैगनॉमिक्स के विशेषज्ञ क्रिस्टोफर बेडडोर का कहना है कि कई देशों ने चीन पर टैरिफ लगाने से परहेज किया ताकि ग्लोबल ट्रेड सिस्टम पर असर न पड़े। इसका फायदा चीन को मिल रहा है और वो अपने सस्ते सामान के दम पर वैश्विक बाजार में दबदबा बनाए हुए है।

कई देश चीन के सस्ते माल से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उदाहरण के लिए अफ्रीका में चीनी कारों का निर्यात दोगुना हो गया, लेकिन वहां के व्यापार मंत्री ने टैरिफ लगाने के बजाय अधिक निवेश की मांग की। चिली और इक्वाडोर में चीनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टेमू के उपयोगकर्ता 143 प्रतिशत बढ़ गए। ब्राजील ने चीनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी BYD को टैरिफ-मुक्त अवसर दिया ताकि स्थानीय उत्पादन बढ़ सके।

भारत पर असर

भारत में भी चीन का दबदबा बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने चीन का भारत को निर्यात 12.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो रिकॉर्ड है। इसके पीछे मुख्य कारण एपल जैसी कंपनियों के लिए पुर्जों और मशीनों की सप्लाई है। जुलाई में चीन ने भारत को 1 अरब डॉलर के कंप्यूटर चिप्स और अन्य उपकरण भेजे। इस साल का निर्यात 2021 के पूरे साल के बराबर हो चुका है।

निर्यात पर नियंत्रण की तैयारी

भारत की वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई DGTR ने चीन से आयात होने वाले कोल्ड रोल्ड नॉन-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील पर पांच साल तक डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। इसका उद्देश्य भारतीय कंपनियों को सस्ते आयात से बचाना है। DGTR की जांच में पता चला कि ये उत्पाद भारत में सामान्य कीमत से कम पर बेचे जा रहे हैं। कुछ चीनी कंपनियों पर 223.82 डॉलर प्रति टन और कुछ पर 414.92 डॉलर प्रति टन शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है।

चीन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है और इसके वैश्विक प्रभाव को नजरअंदाज करना मुश्किल है। भारत सहित कई देशों के उद्योगों को इसके असर के प्रति सजग रहना होगा।

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