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छत्तीसगढ़ में छोटे कारोबारों को बढ़ावा देगा बैंक ऑफ बड़ौदा, रायपुर में खोला नया जोनल ऑफिस

छत्तीसगढ़ में छोटे कारोबारों को बढ़ावा देगा बैंक ऑफ बड़ौदा, रायपुर में खोला नया जोनल ऑफिस

छत्तीसगढ़ के छोटे और मझोले उद्योगों (MSME) के लिए अच्छी खबर है। देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने रायपुर में एक नया जोनल ऑफिस शुरू किया है। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी देबदत्त चंद ने इस नए कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। बैंक अब छत्तीसगढ़ में छोटे कारोबारियों, कारीगरों, स्वरोजगार समूहों और किसानों पर खास ध्यान देगा।

बैंक की रणनीति: विकेंद्रीकरण और स्थानीय स्तर पर तेज फैसले

देबदत्त चंद ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की रणनीति अब तेजी से क्रियान्वयन और विकेंद्रीकरण पर आधारित होगी। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ एक जीवंत और उर्जावान राज्य है, जहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है। बैंक अब स्थानीय स्तर पर निर्णय लेकर ग्राहकों को तेज और सटीक सेवाएं देगा। इसी सोच के साथ रायपुर में जोनल ऑफिस खोला गया है।”

उन्होंने बताया कि बैंक का मकसद है छत्तीसगढ़ के हर वर्ग तक पहुंचना, खासकर ग्रामीण इलाकों में। यहां स्वरोजगार की संभावनाएं काफी हैं, और बैंक इसे समर्थन देगा।

राज्य में बैंक की पकड़ मजबूत

छत्तीसगढ़ में बैंक ऑफ बड़ौदा की पहले से ही अच्छी मौजूदगी है। बैंक की राज्य में कुल 212 शाखाएं हैं, जिनमें 1600 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। इन शाखाओं में से 66 प्रतिशत शाखाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। बैंक के अधिकारी मानते हैं कि ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सुविधा को और मजबूत करने की जरूरत है, और इसी को ध्यान में रखकर नए प्लान तैयार किए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने जताई उम्मीदें

इस मौके पर वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य है, जहां खनिज, कृषि और जल स्रोतों की भरमार है। उन्होंने बैंक को सुझाव दिया कि राज्य के छोटे उद्यमियों, महिला समूहों, किसानों और स्वयं सहायता समूहों (SHG) को अधिक से अधिक क्रेडिट सहायता उपलब्ध कराई जाए।

नागराजू ने कहा कि बैंकों की भूमिका सिर्फ कर्ज देने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें ग्रामीण विकास में भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में बैंक राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में और बड़ी भूमिका निभाएगा।

MSME सेक्टर को लेकर बड़े लक्ष्य

देबदत्त चंद ने बताया कि बैंक का मुख्य फोकस अब लघु, छोटे और मझोले उद्योगों (MSME) को कर्ज देना और उनकी जरूरतों को समझना होगा। छत्तीसगढ़ में हजारों ऐसे उद्यम हैं जो कम पूंजी में काम कर रहे हैं और जिनको सही समय पर वित्तीय सहायता नहीं मिलती।

बैंक अब इन उद्यमियों को उनके बिजनेस मॉडल के अनुसार अनुकूल ऋण योजना देगा। इसके अलावा, उन्हें डिजिटल बैंकिंग, भुगतान समाधान, बीमा और उद्यम विकास की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

रायपुर से पूरे राज्य का संचालन

बैंक ऑफ बड़ौदा का नया जोनल ऑफिस रायपुर से पूरे छत्तीसगढ़ के संचालन को देखेगा। इससे पहले राज्य में बैंक के चार क्षेत्रीय कार्यालय थे, लेकिन अब एक केंद्रीयीकृत जोनल व्यवस्था की शुरुआत की गई है। इसके तहत बैंकिंग सेवाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और गति लाने की कोशिश की जाएगी।

बैंक के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर स्थित यह नया जोनल ऑफिस अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। यहां ग्राहक सेवा, ऋण मंजूरी, एमएसएमई योजना की समीक्षा और फील्ड ऑफिसर ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है।

ग्रामीण बैंकिंग पर भी रहेगा जोर

छत्तीसगढ़ के दूरदराज इलाकों में अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां बैंकिंग सुविधा सीमित है। बैंक ऑफ बड़ौदा की योजना है कि मोबाइल बैंकिंग यूनिट्स और डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से इन गांवों में बैंकिंग को पहुंचाया जाए।

बैंक ग्रामीण क्षेत्र में कृषि ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड, स्वरोजगार ऋण जैसी योजनाओं को बढ़ावा देगा। इसके लिए बैंक के फील्ड ऑफिसर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे स्थानीय जरूरतों को अच्छे से समझ सकें।

महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान

बैंक ने यह भी बताया कि वह महिला उद्यमियों और युवाओं को प्रोत्साहित करेगा। विशेष रूप से स्वरोजगार योजना, स्टार्टअप लोन और महिला एसएचजी को प्राथमिकता दी जाएगी। बैंक ने बताया कि राज्य में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां महिलाओं ने छोटे निवेश से सफल व्यवसाय खड़े किए हैं।

देबदत्त चंद ने कहा, “बैंक ऑफ बड़ौदा का उद्देश्य सिर्फ बैंकिंग नहीं, बल्कि समुदाय के साथ मिलकर विकास करना है। हमारी कोशिश है कि राज्य की हर प्रतिभा को प्लेटफॉर्म मिले और वे आर्थिक रूप से मजबूत बनें।”

नई शुरुआत के साथ नया भरोसा

रायपुर में शुरू हुए नए जोनल ऑफिस के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा ने यह संकेत दे दिया है कि अब वह सिर्फ परंपरागत बैंकिंग तक सीमित नहीं रहेगा। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां विकास की संभावनाएं अधिक हैं, वहां बैंक अब सीधे जुड़कर भागीदारी निभाना चाहता है।

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