भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम जीत की हैट्रिक लगाने के इरादे से मैदान में उतरेगी। इस सीरीज में चयन समिति की अगुवाई अजीत अगरकर कर रहे हैं, और उनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए चेतेश्वर पुजारा का चयन संभव हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: चेतेश्वर पुजारा, जो घरेलू टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दो दौरों पर कंगारू गेंदबाजों को परेशान किया था। पिछले कुछ समय से भारतीय टीम से बाहर रहने के बावजूद, उनके चयन की संभावना बढ़ गई है, खासकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) 28 अक्टूबर को इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम की घोषणा कर सकता है, और यह देखा जा सकता है कि अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति पुजारा के अनुभव को ध्यान में रखकर उन्हें टीम में शामिल करती है या नहीं। पुजारा ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ शानदार 234 रनों की पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 383 गेंदों का सामना किया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुजारा का रिकॉर्ड

चेतेश्वर पुजारा का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड काफी प्रभावशाली रहा है, जो उनकी ताकत और स्थिरता को दर्शाता है। 2018-19 की टेस्ट सीरीज में, उन्होंने सर्वाधिक रन बनाकर भारतीय बल्लेबाजी के स्तंभ के रूप में काम किया। उस दौरे पर, उन्होंने 1258 गेंदों का सामना करते हुए कुल 521 रन बनाए, जो उनके धैर्य और तकनीकी कौशल का परिचायक है। तीन साल बाद, जब उन्होंने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला, तो उन्होंने 928 गेंदों का सामना करते हुए 271 रन बनाए। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क जैसे दिग्गज गेंदबाजों के खिलाफ एक मजबूत दीवार की तरह खड़ा कर दिया।
पुजारा ने आखिरी बार भारत के लिए पिछले साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल मुकाबला खेला था, और तब से वह भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहे हैं। अब जब भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए तैयार हो रहा है, तो पुजारा का अनुभव और कौशल निश्चित रूप से टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता हैं।
इन खिलाडियों को भी मिल सकता हैं मौका

नितीश रेड्डी का बांग्लादेश के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन उन्हें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार करता है, लेकिन उनका चयन ऑस्ट्रेलिया दौरे की ए टीम में किया गया है, इसलिए वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरा भारतीय क्रिकेट के लिए चुनौतीपूर्ण होता है और वहां के हालात में प्रदर्शन करने से उनकी क्षमता को और उजागर किया जा सकता हैं। वहीं, शार्दुल ठाकुर की स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण है। चोट से वापसी के बाद उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। पिछली बार जब वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे, तब उन्होंने गाबा टेस्ट में शानदार खेल दिखाया था, जिसने भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने अपने प्रदर्शन के दम पर टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह तीनों गेंदबाज भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ की तरह हैं, और उनकी फॉर्म आगामी ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।दूसरी ओर, आवेश खान और यश दयाल जैसे युवा तेज गेंदबाज भी टीम में चयन के लिए प्रयासरत हैं। इन दोनों में प्रतिभा है और यदि उन्हें मौका मिलता है, तो वे अपनी छाप छोड़ने में सक्षम हो सकते हैं।
अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की स्थिति थोड़ी चिंताजनक है। उन्होंने हाल ही में अपनी फिटनेस को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन उनकी पूरी फिटनेस पर संदेह है। अगर वह ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले पूरी तरह से फिट नहीं हो पाते हैं, तो उनकी अनुपस्थिति टीम के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। इस स्थिति में, टीम प्रबंधन को शमी की जगह एक सक्षम विकल्प चुनना होगा ताकि गेंदबाजी आक्रमण की मजबूती बनी रहे।












