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डेंगू और वायरल बुखार हार्ट को भी कर सकते हैं प्रभावित, एक्सपर्ट से जानें खतरे की गंभीरता

डेंगू और वायरल बुखार हार्ट को भी कर सकते हैं प्रभावित, एक्सपर्ट से जानें खतरे की गंभीरता

डेंगू और वायरल बुखार सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि हार्ट को भी प्रभावित कर सकते हैं। डेंगू में हार्ट की मांसपेशियों पर असर पड़ सकता है, जिससे मायोकार्डिटिस और अनियमित धड़कन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वायरल बुखार लंबे समय तक रहने पर हार्ट पर दबाव डालता है। समय पर इलाज और निगरानी से जोखिम कम किया जा सकता है।

Effect of dengue on the heart: देश के कई हिस्सों में डेंगू और वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मेदांता मूलचंद हार्ट सेंटर के डॉ. तरुण कुमार के अनुसार, डेंगू में वायरस हार्ट की मांसपेशियों को प्रभावित कर मायोकार्डिटिस जैसी स्थिति पैदा कर सकता है, जबकि वायरल बुखार लंबे समय तक शरीर में सूजन और तेज बुखार के कारण हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालता है। जिन लोगों को पहले से हार्ट संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। समय पर इलाज और उचित निगरानी से इन खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

डेंगू और वायरल बुखार के लक्षण

डेंगू एडीस एज़िप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और थकान शामिल हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घट सकती है, जिससे ब्लीडिंग और आंतरिक अंगों पर असर पड़ सकता है।

वहीं, वायरल बुखार बदलते मौसम और वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है। यह सामान्य रूप से कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन लंबे समय तक रहने पर शरीर की इम्यूनिटी कमजोर कर सकता है। वायरल बुखार में भी तेज बुखार, कमजोरी, सिरदर्द और जोड़ो में दर्द जैसी समस्याएं सामने आती हैं। दोनों ही बीमारियां शरीर को अंदर से कमजोर कर देती हैं और अन्य संक्रमणों के प्रति संवेदनशील बना देती हैं।

हार्ट पर प्रभाव

लाजपत नगर के मेदांता मूलचंद हार्ट सेंटर के डायरेक्टर और हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट डॉ. तरुण कुमार का कहना है कि डेंगू और वायरल बुखार केवल शरीर को ही प्रभावित नहीं करते, बल्कि हार्ट पर भी गंभीर असर डाल सकते हैं। डॉ. कुमार के अनुसार, डेंगू में वायरस सीधे हार्ट की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है, जिससे मायोकार्डिटिस जैसी स्थिति विकसित हो सकती है। इसमें दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और पंपिंग क्षमता कम हो सकती है। गंभीर मामलों में ब्लड प्रेशर गिरने और शॉक जैसी स्थिति भी देखने को मिलती है।

वायरल बुखार में लंबे समय तक तेज बुखार और शरीर में सूजन हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालती है। वायरल इंफेक्शन हार्ट की मांसपेशियों और उसकी इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को प्रभावित कर सकता है, जिससे धड़कन असामान्य हो सकती है। पहले से हार्ट से जुड़ी बीमारी वाले लोगों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।

जोखिम बढ़ाने वाले कारक

विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर इम्यून सिस्टम, उच्च बुखार, लंबे समय तक शरीर में सूजन और प्लेटलेट्स की गिरावट हार्ट के लिए जोखिम बढ़ा सकते हैं। उन लोगों को, जिन्हें पहले से हृदय संबंधी समस्या है, बुखार या वायरल संक्रमण के दौरान विशेष निगरानी की आवश्यकता होती है।

ध्यान रखने योग्य बातें

मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनना और घर के आसपास पानी जमा न होने देना बेहद जरूरी है। तेज बुखार, शरीर दर्द, प्लेटलेट्स गिरने या अन्य असामान्य लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लेना शरीर की हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए जरूरी है। हार्ट से जुड़ी बीमारी वाले मरीजों को बुखार के दौरान विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता होती है।

डॉ. तरुण कुमार के अनुसार, सही समय पर इलाज और निगरानी से डेंगू और वायरल बुखार के हार्ट पर पड़ने वाले प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही, बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयां लेना जोखिम भरा हो सकता है।

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