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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट, सुप्रीम कोर्ट 12 नवंबर को करेगा सुनवाई

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट, सुप्रीम कोर्ट 12 नवंबर को करेगा सुनवाई

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है और क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। विशेषज्ञों और अधिकारियों के अनुसार, इस गंभीर हालात का मुख्य कारण पराली जलाना है, जो हर साल हवा में भारी मात्रा में धूल और प्रदूषक कण छोड़ता है।

नई दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम जनता को गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी की हवा हाल के दिनों में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच चुकी है। इस संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई 12 नवंबर 2025 को करने का निर्णय लिया है।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में यह सुनवाई इस लिहाज से अहम मानी जा रही है कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा और जीवन गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ा है।

शहर की हवा लगातार खराब, वकील की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामों के अनुसार, एनसीआर की हवा लगातार खराब होती जा रही है। वकील ने अदालत में बताया, एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बिगड़ रही है। अदालत ने 3 नवंबर को आयोग और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। हालात लगातार गंभीर हैं, और लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार अब सभी नागरिक कर रहे हैं, क्योंकि अदालत की सुनवाई से न केवल प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखी जाएगी, बल्कि इसमें सुधार के लिए सख्त कदम उठाने का मार्ग भी साफ होगा।

दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में कुछ दिनों के लिए मामूली सुधार देखने को मिला था। लेकिन गुरुवार को वायु गुणवत्ता फिर से बेहद खराब (AQI 311) श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना, निर्माण गतिविधियां, वाहनों से निकलने वाला धुआं और औद्योगिक उत्सर्जन हैं। AQI के मानक अनुसार:

  • 0–50: अच्छा
  • 51–100: संतोषजनक
  • 101–200: मध्यम
  • 201–300: खराब
  • 301–400: बहुत खराब
  • 401–500: गंभीर

दिल्ली की मौजूदा स्थिति ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आती है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से सावधानी और अलर्ट की चेतावनी देती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इतने उच्च स्तर का वायु प्रदूषण श्वसन रोग, हृदय रोग, आंखों और त्वचा की समस्याओं के लिए गंभीर खतरा बनता है। बुजुर्ग, बच्चे और श्वसन रोग से पीड़ित लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

 

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