दिवाली से पहले सरकार छोटी कार और इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST घटाने की योजना बना रही है। छोटी पेट्रोल-डीज़ल कारों पर GST 28% से 18% और हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% से 5% या पूरी तरह हटाने पर विचार किया जा रहा है। प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल की बैठक में 9 सितंबर को चर्चा के लिए भेजा जाएगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। केंद्र सरकार छोटी पेट्रोल-डीज़ल कारों और इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST घटाने की तैयारी कर रही है। चार मीटर से छोटी कारों पर GST 28% से घटाकर 18% और हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% से 5% या पूरी तरह हटाने पर विचार है। यह प्रस्ताव 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा के लिए भेजा गया है और इसके मंजूर होने पर देश में सबसे बड़ा GST सुधार 2017 के बाद लागू होगा।
छोटी कार पर GST में कटौती का प्रस्ताव
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सरकार चार मीटर लंबाई तक की छोटी कारों (पेट्रोल इंजन 1,200cc तक और डीज़ल इंजन 1,500cc तक) पर जीएसटी को वर्तमान 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है। इससे न केवल इन कारों की कीमतें कम होंगी, बल्कि बिक्री में भी बढ़ोतरी की संभावना है।
बड़ी कारों पर अलग स्लैब
वहीं सरकार बड़ी कारों और लग्जरी वाहनों पर अलग स्लैब की तैयारी कर रही है। बड़ी कारों पर 40 प्रतिशत जीएसटी स्लैब लागू किया जा सकता है। वर्तमान में इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 22 प्रतिशत तक सेस लगता है, जिससे कुल टैक्स 43-50 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। इस बदलाव से उपभोक्ता बड़ी कारों की कीमतों में वृद्धि महसूस करेंगे।
इंश्योरेंस प्रीमियम में राहत
सरकार हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी घटाने की भी तैयारी कर रही है। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या पूरी तरह से हटाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लागू होने से पॉलिसी का प्रीमियम सस्ता हो जाएगा और लोग आसानी से कवरेज ले सकेंगे।
उपभोक्ता और MSME को राहत
यह कदम सिर्फ कार और इंश्योरेंस तक सीमित नहीं है। सरकार का लक्ष्य GST को और सरल बनाना है। इसके तहत 12 प्रतिशत स्लैब को हटाकर दो मुख्य स्लैब बनाए जा सकते हैं – स्टैंडर्ड और मेरिट। इसके अलावा लग्जरी और सिन गुड्स (जैसे कोयला, तंबाकू, एरेटेड ड्रिंक और बड़ी कारें) पर लागू कम्पनसेशन सेस मार्च 2026 में खत्म होगा। इसके बाद जीएसटी दरें घटाने की अधिक गुंजाइश होगी।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि उपभोक्ताओं और MSME सेक्टर को राहत देने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन GST सुधार लाए जाएंगे। इस प्रस्तावित बदलाव से यह लक्ष्य साकार होने की संभावना बढ़ जाएगी।
अक्टूबर में रिटेल सीजन पर असर
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो यह ऐलान दिवाली से पहले किया जा सकता है। अक्टूबर में भारत में सबसे बड़ा रिटेल सीजन होता है, जिससे इस सुधार का प्रभाव तुरंत उपभोक्ताओं तक पहुंच सकेगा। इसके अलावा, बिहार विधानसभा चुनाव भी इसी दौरान होने हैं, जिससे उपभोक्ताओं के बीच सकारात्मक सेंटिमेंट बढ़ेगा।