राष्ट्रीय खेलों में चक्का फेंक के स्वर्ण पदक विजेता गगनदीप सिंह समेत कई खिलाड़ियों को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने तीन साल का प्रतिबंध लगाया है। ये प्रतिबंध डोपिंग के आरोप के तहत आया है, जिसमें इन खिलाड़ियों ने अपने अपराध को आरोप लगने के 20 दिनों के भीतर स्वीकार कर लिया था।
स्पोर्ट्स न्यूज़: राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक विजेता और सेना के प्रतिनिधि एथलीट गगनदीप सिंह को डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण तीन साल का प्रतिबंध मिला है। उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में पुरुषों की चक्का फेंक में 55.01 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद डोपिंग जांच में गगनदीप का नमूना पॉजिटिव पाया गया। इस मामले ने खेल जगत में सनसनी मचा दी है और अन्य कई खिलाड़ियों को भी राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने प्रतिबंधित किया है।
गगनदीप का डोपिंग केस और सजा
30 वर्षीय गगनदीप सिंह ने 12 फरवरी 2025 को उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा में 55.01 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन उसी के बाद उनके डोपिंग टेस्ट में ‘टेस्टोस्टेरोन मेटाबोलाइट्स’ की पुष्टि हुई। नाडा ने जांच के बाद उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। नाडा के नियमों के अनुसार गगनदीप को चार साल तक का प्रतिबंध मिल सकता था, क्योंकि यह उनका पहला अपराध है। हालांकि, उन्होंने अपने अपराध को जांच के 20 दिनों के अंदर स्वीकार कर लिया, जिससे उनकी सजा को एक साल घटाकर तीन साल कर दिया गया।
प्रतिबंध की अवधि 19 फरवरी 2025 से शुरू होगी। इस दौरान उन्हें किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय खेलों से उनका स्वर्ण पदक वापस लिया जाएगा। संभावना है कि हरियाणा के खिलाड़ी निर्भय सिंह का रजत पदक स्वर्ण में परिवर्तित किया जाएगा।
अन्य खिलाड़ियों को भी मिला सजा में राहत
गगनदीप के साथ-साथ ट्रैक एवं फील्ड के दो अन्य खिलाड़ी सचिन कुमार और जैनु कुमार को भी नाडा ने तीन साल का प्रतिबंध दिया है। सचिन का प्रतिबंध 10 फरवरी से लागू हो चुका है, जबकि जैनु के लिए यह तारीख 20 फरवरी है। दोनों खिलाड़ियों ने भी अपने अपराधों को जल्दी स्वीकार कर लिया, जिसके कारण उनकी सजा एक साल कम कर दी गई।
इसी तरह जूडो खिलाड़ी मोनिका चौधरी, नंदिनी वत्स, पैरा पावरलिफ्टर उमेशपाल सिंह, सैमुअल वनलालतन्पुइया, भारोत्तोलक कविंदर, कबड्डी खिलाड़ी शुभम कुमार, पहलवान मुगाली शर्मा, वुशू खिलाड़ी अमन और राहुल तोमर समेत एक नाबालिग पहलवान को भी इसी प्रावधान के तहत सजा में कमी मिली है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) खेलों में डोपिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। नाडा के नियमों में साफ तौर पर लिखा गया है कि डोपिंग के मामलों में दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ी को गंभीर सजा दी जाएगी, ताकि खेलों की साख सुरक्षित रहे और खेल निष्पक्ष बने।