कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच समिति पर कहा कि सबूतों के आधार पर निष्पक्ष निर्णय लेना जरूरी है। उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायतों पर भी चुनाव आयोग से शीघ्र जांच करने की मांग की है ताकि लोकतंत्र में लोगों का भरोसा बना रहे।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और लेखक शशि थरूर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय जांच समिति को लेकर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की है। थरूर ने कहा है कि इस मामले में जांच प्रक्रिया को अपनी गति से चलना चाहिए और निर्णय पूरी तरह से उपलब्ध सबूतों के आधार पर लिया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट में पाई जा रही अनियमितताओं पर भी ध्यान देने का आग्रह किया है।
जस्टिस वर्मा जांच पर थरूर की प्रतिक्रिया
शशि थरूर ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल के गठन को लोकतंत्र की मजबूती और न्यायपालिका की जवाबदेही के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, 'प्रक्रिया अपना काम कर रही है। अब हमें प्रक्रिया पर भरोसा रखना होगा। महाभियोग समिति के सदस्यों को सभी सबूतों का अवलोकन करना है और निष्पक्ष फैसला लेना है। कोई भी पूर्वाग्रह या अनावश्यक टिप्पणी इस प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकती।'
थरूर ने आगे कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली में जांच प्रक्रिया का सम्मान करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि जांच समिति को पूरी स्वतंत्रता और पारदर्शिता के साथ अपना काम करना चाहिए ताकि न्यायपालिका और लोकतंत्र दोनों की विश्वसनीयता बनी रहे।
वोटर लिस्ट विवाद पर चुनाव आयोग से सख्त अपील
शशि थरूर ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मामले पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने त्रिशूर की एक महिला की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि उसकी जानकारी के बिना उसके पते पर नौ अतिरिक्त वोटर जोड़ दिए गए हैं। थरूर ने इस मामले को गंभीर बताया और चुनाव आयोग से इस पर तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'यह चुनाव आयोग के हित में भी है कि ऐसी विसंगतियों को दूर किया जाए ताकि मतदाताओं का भरोसा चुनाव प्रक्रिया पर बना रहे।'
उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को सभी शिकायतों और संदेहों पर ध्यान देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वोटर लिस्ट पूरी तरह से सही और पारदर्शी हो। ऐसा न होने पर लोकतंत्र की आधारशिला कमजोर हो सकती है।
लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता की जरूरत
शशि थरूर का मानना है कि लोकतंत्र तभी मजबूत हो सकता है जब उसकी संस्थाएं पारदर्शी और जवाबदेह हों। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और न्यायपालिका दोनों को जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता का पालन करना होगा। थरूर ने कहा, 'जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता लोकतंत्र के लिए आवश्यक हैं। हमें भरोसा रखना होगा कि सभी आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच होगी।'
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों ने न्यायपालिका की छवि पर सवाल खड़ा कर दिया है, जबकि वोटर लिस्ट की अनियमितताएं चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता को चुनौती दे रही हैं। शशि थरूर की टिप्पणियां इस संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे एक ऐसे नेता हैं जो लोकतंत्र और न्यायपालिका दोनों की सुदृढ़ता के पक्षधर हैं।
उनका यह कहना कि प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए और आरोपों की जांच पूरी निष्पक्षता से होनी चाहिए, राजनीतिक माहौल में संतुलन बनाए रखने की कोशिश है। साथ ही, वोटर लिस्ट विवाद पर उनकी सख्त अपील यह दर्शाती है कि वे लोकतंत्र की जड़ में मौजूद खामियों को सुधारने के लिए गंभीर हैं।