संसद की शिक्षा समिति ने सुझाव दिया कि प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटी में SC, ST और OBC छात्रों के लिए क्रमशः 15%, 7.5% और 27% आरक्षण लागू हो। इससे पिछड़े वर्ग के छात्रों को समान अवसर मिलेंगे।
Education Update: संसद की शिक्षा संबंधी स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) छात्रों के लिए आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। यह कदम उन छात्रों को उच्च शिक्षा तक समान अवसर देने के लिए उठाया गया है जो अभी तक निजी संस्थानों में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं।
सरकारी संस्थानों तक ही क्यों सीमित?
अभी तक आरक्षण का प्रावधान मुख्य रूप से सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक ही सीमित है। समिति ने सवाल उठाया है कि अगर सरकारी संस्थानों में आरक्षण दिया जा सकता है तो निजी संस्थानों में क्यों नहीं। समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने संसद में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में भी सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक है।
संभावित आरक्षण प्रतिशत
समिति ने सुझाव दिया है कि संसद एक ऐसा कानून बनाए, जिसके तहत प्राइवेट कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में SC छात्रों के लिए 15%, ST छात्रों के लिए 7.5% और OBC छात्रों के लिए 27% आरक्षण लागू किया जा सके। यह संख्या सरकारी संस्थानों में लागू आरक्षण के समान है और इसे लागू करने से सामाजिक असमानता कम होगी।
संविधान पहले ही खोल चुका है रास्ता
समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि संविधान का अनुच्छेद 15(5) 2006 में 93वें संशोधन के तहत जोड़ा गया था। यह प्रावधान सरकार को अधिकार देता है कि वह निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षण लागू कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में प्रमति एजुकेशनल एंड कल्चरल ट्रस्ट बनाम भारत संघ मामले में इसे वैध ठहराया। यानी कानूनी रूप से निजी संस्थानों में आरक्षण का रास्ता पहले से खुला है, लेकिन संसद ने अब तक ऐसा कोई कानून पारित नहीं किया।
निजी संस्थानों में पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व
देश के टॉप प्राइवेट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में हाशिए पर खड़े समुदायों का प्रतिनिधित्व बेहद कम है। आंकड़ों के अनुसार SC छात्रों की संख्या 1% से भी कम है, ST छात्रों की मौजूदगी लगभग आधा प्रतिशत है और OBC छात्रों की हिस्सेदारी लगभग 11% तक ही सीमित है। इससे यह साफ होता है कि निजी संस्थानों में सामाजिक असमानता अब भी बनी हुई है।