ईडी (ED) जलालुद्दीन उर्फ छांगुर गिरोह पर अवैध मतांतरण (illegal conversion) और करोड़ों की मनी लांड्रिंग (money laundering) मामले में आरोपपत्र (chargesheet) दाखिल करने जा रही है। दुबई कंपनी के माध्यम से लेन-देन उजागर हुआ।
UP News: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके गिरोह के खिलाफ हिंदू युवतियों का अवैध मतांतरण (illegal conversion) कराने और मनी लांड्रिंग (money laundering) के गंभीर मामलों में इसी महीने आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी में है। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि इसमें न केवल अवैध धर्मांतरण शामिल है बल्कि करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग भी उजागर हुई है। ईडी ने दुबई स्थित कंपनियों और विदेशी खातों के जरिए छांगुर गिरोह द्वारा किए गए लेन-देन का गहन पता लगाया है।
दुबई कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की लॉट्री
जांच में यह सामने आया है कि छांगुर गिरोह ने दुबई की एक कंपनी के माध्यम से भारत में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए। ईडी ने इनके खातों और लेन-देन का विवरण जुटाया है, जिससे मनी लांड्रिंग (money laundering) के पुख्ता सबूत मिलते हैं। छांगुर गिरोह के सक्रिय सदस्य नवीन वोहरा उर्फ जमालुद्दीन और उसकी पत्नी नीतू उर्फ नसरीन भी इस मामले में शामिल हैं। इनके भारत में खोले गए एनआरई (NRE) और एनआरओ (NRO) खातों में कुल 21.08 करोड़ रुपये की ट्रांसफर रिकॉर्ड की गई है।
मनी लांड्रिंग और संपत्ति जब्ती
ईडी ने बीते माह बलरामपुर के उतरौला स्थित 13 संपत्तियों को जब्त किया था। ये संपत्तियां छांगुर की करीबी नीतू वोहरा उर्फ नसरीन के नाम थीं और इनकी कीमत लगभग 13.02 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग के तहत की गई है। इसके अलावा, ईडी ने छांगुर और नवीन को गिरफ्तारी (arrest) भी कर लिया है और उनका गहन साक्ष्य अधिग्रहण (evidence collection) किया जा रहा है।
आरोपितों की सूची और जांच की दिशा
ईडी ने इस मामले में छांगुर, उसके बेटे महबूब, नवीन वोहरा उर्फ जमालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act – PMLA) के तहत आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी की है। इसके अलावा, ईडी छांगुर गिरोह की बेनामी (benami) संपत्तियों और विदेशी फंडिंग के लिए प्रयोग किए गए संदिग्ध खातों की भी जांच कर रही है। इन खातों के माध्यम से विदेश से आई रकम गिरोह के कुछ सक्रिय सदस्यों तक पहुंचाई जाती थी।
अवैध मतांतरण (Illegal Conversion) के मामले
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर गिरोह ने हिंदू युवतियों का छल-बल और प्रलोभन (coercion and inducement) के जरिए अवैध मतांतरण कराया। इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और इसी महीने विशेष कोर्ट में पहला आरोपपत्र (chargesheet) दाखिल किया जाएगा। यह कदम इस गिरोह की गतिविधियों को रोकने और देश में कानून का शासन बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
जांच में यह पता चला है कि दुबई स्थित युनाइटेड मरीन कंपनी (United Marine Company) के जरिए विदेशी फंडिंग का प्रयोग किया गया। इन रकमों को भारत में खातों में ट्रांसफर किया गया और फिर गिरोह के सदस्यों तक पहुंचाया गया। ईडी ने आठ जुलाई को मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था और तब से इस मामले की गहन जांच जारी है।