ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना करते हुए इसे आर्थिक आतंकवाद की कोशिश बताया और कहा कि ये तेहरान के खिलाफ अमेरिकी दबाव की साजिश है।
Iran Vs USA Tension: ईरान और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी आ गई है। ईरान ने अमेरिका पर आर्थिक आतंकवाद (Economic Terrorism) फैलाने का आरोप लगाते हुए सख्त प्रतिक्रिया दी है। साथ ही रोम में शनिवार को होने वाली ईरान-अमेरिका बैठक को भी स्थगित (Postpone) कर दिया गया है।
अमेरिका ने क्यों लगाए प्रतिबंध?
अमेरिकी वित्त विभाग और विदेश मंत्रालय ने मंगलवार और बुधवार को ईरान और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ नए प्रतिबंधों का एलान किया। अमेरिका का आरोप है कि:
- कुछ कंपनियां और व्यक्ति ईरानी पेट्रोलियम व पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री में शामिल हैं।
- इनका संबंध ईरान की Islamic Revolutionary Guard Corps (IRGC) से है।
- ये लोग मिसाइल तकनीक (Ballistic Missile Propellant) की खरीद-फरोख्त में संलिप्त हैं।
- इसके तहत अमेरिका ने ईरान के 6 व्यक्तियों और 13 संस्थाओं, साथ ही पांच विदेशी कंपनियों को भी प्रतिबंधित सूची में डाला है।
ईरान की तीखी प्रतिक्रिया
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई हमानेह ने अमेरिका की कार्रवाई को "आर्थिक आतंकवाद का खुला प्रयास" बताया। उन्होंने कहा:
"ये प्रतिबंध इस बात का संकेत हैं कि अमेरिका कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की धज्जियां उड़ाकर विकासशील देशों के बीच वैध और मैत्रीपूर्ण सहयोग को बाधित करना चाहता है।"
बाघेई ने कहा कि यह कदम अमेरिकी नीति निर्माताओं की दोहरी नीति और कूटनीति में गंभीरता की कमी को भी दर्शाता है।
बैठक रद्द: रोम में नहीं होगी बातचीत
ईरान और अमेरिका के बीच चौथे दौर की वार्ता शनिवार को इटली के रोम में होनी थी। ईरान इस बातचीत के ज़रिए अपने परमाणु कार्यक्रम में कुछ समझौतों के बदले अमेरिका से प्रतिबंधों में राहत चाहता था। लेकिन, अब इस बातचीत को टाल दिया गया है।
ट्रंप की डील और मौजूदा तनाव का कनेक्शन
यह पूरा मामला 2015 में हुई ईरान न्यूक्लियर डील (JCPOA) से जुड़ा है। इस समझौते के तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने का वादा किया था, जिसके बदले अमेरिका ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाए थे।
लेकिन 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस डील से बाहर निकाल लिया और ईरान पर फिर से कठोर प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद ईरान ने भी धीरे-धीरे अपनी प्रतिबद्धताएं वापस ले लीं।
अमेरिका का क्या कहना है?
अमेरिका ने साफ किया है कि वह ईरान की उन गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा, जिनसे "तेहरान आतंकवाद को फंड करता है"। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बयान में कहा:
"जब तक ईरान आतंकवादी गतिविधियों और अस्थिर कदमों के लिए तेल और रसायनों से कमाई करता रहेगा, तब तक अमेरिका और उसके साझेदार उसे रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।"