ऑस्ट्रेलिया जाने का सपना देखने वाले दो दिल्ली के युवक ईरान में अपहरण और हवाला के जरिए फिरौती की अंतरराष्ट्रीय वारदात के शिकार हो गए। फिरौती मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया जाने के सपने को सच करने निकले दो भारतीय युवक ईरान में एक खतरनाक अंतरराष्ट्रीय अपहरण और फिरौती की वारदात का शिकार हो गए। कुवैत होते हुए ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे युवकों को अपहरण कर खंडहरनुमा घर में बंधक बना लिया गया और उनके परिजनों से हवाला के जरिए करोड़ों रुपये की फिरौती मांगी गई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की जांच कर रही है, जबकि विदेश मंत्रालय भी इस वारदात के संज्ञान में आ चुका है।
विदेश जाने के झांसे में फंसे युवक
मामले की शिकायत करने वाले हिमांशु मिश्रा और उनके साथी का कहना है कि वे ऑस्ट्रेलिया जाकर वर्क वीजा के तहत नौकरी करना चाहते थे। हिमांशु के भाई डिंपी ने रोहतक के एक युवक अमन राठी से संपर्क किया, जिसने नोएडा के CDC कोर्स के बाद शिप में नौकरी लगाकर ऑस्ट्रेलिया जाने का रास्ता बताया। हिमांशु ने बताया कि 15 दिन का कोर्स करने के बाद दोनों ने अमन के निर्देशानुसार इंडोनेशिया का रुख किया, जहां अमन और उसका दोस्त विशाल उनसे मिले।
अमन ने दावा किया कि ऑस्ट्रेलिया का खर्च 19 लाख रुपये है, जिसमें 12 लाख पहले और शेष 7 लाख बाद में देने होंगे। इसके बाद युवक दिल्ली लौट आए, लेकिन 29 अगस्त की सुबह IGI एयरपोर्ट से फ्लाइट लेकर वे कुवैत होते हुए तेहरान पहुंचे। वहां से उन्हें एक गाड़ी मिली, जिसने 30 किलोमीटर दूर खंडहर जैसे घर में पहुंचा दिया।
खंडहर में बंधक बना कर की गई मारपीट
युवकों ने बताया कि घर में पहुंचते ही उनके पासपोर्ट छीन लिए गए और उन्हें पाइप से बेरहमी से मारा गया। बंधकों को दिखाने के लिए मारपीट का वीडियो कॉल पर भी प्रदर्शन किया गया। अपहरणकर्ताओं ने धमकी दी कि उनके एजेंट ने बॉस के 2 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं और अब उनसे एक-एक करोड़ रुपये वसूलने हैं। पैसे नहीं देने पर उनकी हत्या कर शरीर के अंग बेच दिए जाएंगे।
दोनों को एक कमरे में डाल दिया गया, जिसमें पहले से ही 10-12 अन्य युवक बंधक थे। अमन के बैग से अपहरणकर्ताओं ने 2 लाख रुपये भी जब्त कर लिए। युवकों का कहना है कि वहां उन्हें अत्यंत भय और पीड़ा में रखा गया, जबकि उनके परिजन से हवाला के जरिए पैसे की मांग की गई।
विदेश में अपहरण मामले की दिल्ली पुलिस की जांच
स्पेशल सेल के अधिकारियों ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विदेशी संपर्क और अपहरण की पूरी कड़ी की जांच की जा रही है। दोनों युवकों के बयान और उनके यात्रा के हर स्टेप की जांच जारी है। विदेश मंत्रालय भी इस मामले में सक्रिय हो गया है और ईरान प्रशासन से संपर्क कर सुरक्षा और मदद के प्रयास कर रहा है।
हिमांशु मिश्रा 26 वर्षीय कराला निवासी है और 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। उनका उद्देश्य विदेश जाकर नौकरी करना था, लेकिन विदेशी एजेंट और अपहरणकर्ताओं के जाल में फंसकर उनका सपना खतरनाक मोड़ ले गया। पुलिस का कहना है कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय अपहरण मामलों में सावधानी और वैध माध्यमों से ही विदेश यात्रा करने की आवश्यकता है।