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ट्रंप की कड़ी चेतावनी: ज़ेलेंस्की को करना होगा रूस से समझौता, यूरोप तुरंत बंद करे रूस से तेल खरीद

ट्रंप की कड़ी चेतावनी: ज़ेलेंस्की को करना होगा रूस से समझौता, यूरोप तुरंत बंद करे रूस से तेल खरीद

डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने ज़ेलेंस्की को पुतिन से शांति समझौते की चेतावनी दी और यूरोप को रूस से तेल खरीदने से रोकने को कहा। चीन पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की।

America: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शांति समझौता करना ही होगा। इसके साथ ही उन्होंने यूरोप से भी अपील की कि तुरंत रूस से तेल खरीदना बंद करें। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब युद्ध लगातार बढ़ता जा रहा है और दुनिया भर की नज़र इस संघर्ष पर टिकी है।

ट्रंप का स्पष्ट संदेश: युद्ध अब खत्म होना चाहिए

ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि युद्ध का कोई अंत नज़र नहीं आ रहा है। ऐसे में सबसे बेहतर विकल्प यही है कि बातचीत से रास्ता निकाला जाए। उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की को अब समझना होगा कि यह संघर्ष हमेशा नहीं चल सकता और उन्हें रूस के साथ शांति समझौते की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए।

ट्रंप के मुताबिक, अगर समझौता नहीं हुआ तो हालात और बिगड़ेंगे और सबसे ज्यादा नुकसान यूक्रेन को ही होगा। उन्होंने दोहराया कि उनकी प्राथमिकता युद्ध खत्म करवाना है और इसके लिए वह मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार हैं।

यूरोप पर भी ट्रंप की नाराज़गी

ट्रंप ने यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे रूस से तेल खरीदना बंद करें। उनका मानना है कि जब तक यूरोप रूस से तेल खरीदता रहेगा, तब तक युद्ध को रोकना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाए तो गए हैं लेकिन वे इतने प्रभावी नहीं हैं।

ट्रंप ने साफ कहा, “मैं नहीं चाहता कि यूरोप रूस से तेल खरीदे। जो प्रतिबंध लगाए गए हैं वे काफी नहीं हैं। अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं अपने स्तर पर सख्त प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं, लेकिन यूरोप को भी इसमें गंभीरता दिखानी होगी।”

भारत पर भी टिप्पणी

ट्रंप ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि रूस से तेल खरीदने पर उन्होंने 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। साथ ही भारत पर 25 प्रतिशत का सामान्य टैरिफ भी लागू किया गया है। भारत ने इसे अनुचित बताते हुए कहा था कि वह अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएगा।

भारत का कहना है कि वह एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से फैसले लेता रहेगा। इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच पहले भी मतभेद देखने को मिल चुके हैं।

ज़ेलेंस्की के लिए ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप का सबसे सख्त संदेश यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के लिए था। उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की को अब यह मान लेना चाहिए कि युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है। अगर बातचीत नहीं की गई तो यूक्रेन की स्थिति और कमजोर होगी।

ट्रंप का मानना है कि रूस के साथ टकराव का सीधा असर पूरे यूरोप और अमेरिका पर पड़ रहा है। यही वजह है कि वह बार-बार ज़ेलेंस्की को शांति समझौते की तरफ बढ़ने की सलाह दे रहे हैं।

चीन पर भी हमला

ट्रंप ने नाटो देशों से अपील की कि वे चीन पर भी कड़े प्रतिबंध लगाएं। उन्होंने कहा कि चीन रूस को आर्थिक मदद कर रहा है और इससे युद्ध लंबा खिंच रहा है। ट्रंप ने 50 से 100 प्रतिशत तक के प्रतिबंध लगाने की बात कही।

हालांकि, चीन ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन किसी भी युद्ध में शामिल नहीं है और न ही उनकी योजना बनाता है। चीन ने स्पष्ट किया कि वह शांति वार्ता को बढ़ावा देने के पक्ष में है। चीन का कहना है कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है और प्रतिबंध हालात को और खराब कर देंगे।

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