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Gameskraft को 250 करोड़ का नुकसान, कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारी ने ही किया बड़ा घोटाला, जानें पूरा मामला

Gameskraft को 250 करोड़ का नुकसान, कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारी ने ही किया बड़ा घोटाला, जानें पूरा मामला

बैंगलुरु की गेमिंग कंपनी Gameskraft को उसके ही वरिष्ठ कर्मचारी रमेश प्रभु द्वारा 250 करोड़ रुपये के F&O ट्रेडिंग घोटाले का सामना करना पड़ा। प्रभु ने कंपनी के फंड्स का व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया और नकली दस्तावेज बनाए। इस मामले में कंपनी को 270 करोड़ रुपये राइट ऑफ करने पड़े और इसके बाद Pocket52 जैसे ऐप्स बंद करने का फैसला लिया गया।

Online Real Money Gaming: बैंगलुरु की रियल मनी गेमिंग कंपनी Gameskraft Technologies में एक वरिष्ठ कर्मचारी रमेश प्रभु ने कंपनी के 250 करोड़ रुपये के फंड्स का दुरुपयोग कर F&O ट्रेडिंग में लगा दिया, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ। प्रभु ने ईमेल के जरिए अपनी गलती कबूल की और फर्जी दस्तावेज़ बनाकर लेन-देन को निवेश दिखाया। इस धोखाधड़ी के चलते कंपनी को FY25 के अकाउंट्स में 270 करोड़ रुपये राइट ऑफ करने पड़े और इसके बाद Pocket52 जैसे लोकप्रिय ऐप्स को बंद करने का निर्णय लिया गया।

कंपनी का भरोसा तोड़ा गया

कंपनी के पूर्व ग्रुप CFO रमेश प्रभु पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी के फंड्स का इस्तेमाल Futures & Options (F&O) ट्रेडिंग में किया। इस कार्रवाई से कंपनी को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। गेमिंग इंडस्ट्री में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि इसमें आंतरिक धोखाधड़ी हुई है।

ईमेल ने खोली पोल

घोटाले का खुलासा तब हुआ जब रमेश प्रभु ने 5 मार्च को कंपनी को एक ईमेल भेजा। इसमें उन्होंने खुद कबूल किया कि पिछले 3-4 सालों से वे कंपनी के फंड्स का इस्तेमाल अपनी ट्रेडिंग गतिविधियों के लिए कर रहे थे। उन्होंने यह भी लिखा कि इस काम में किसी अन्य कर्मचारी की भूमिका नहीं थी और सभी निर्णय उन्होंने अकेले ही लिए।

कंपनी ने इस ईमेल के बाद तुरंत अंदरूनी जांच शुरू की। जांच में पता चला कि लगभग 231 करोड़ रुपये के गैर-कानूनी लेन-देन किए गए थे।

नकली दस्तावेजों से गढ़ी गई झूठी कहानी

FIR में रमेश प्रभु के खिलाफ चोरी, विश्वासघात, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रभु ने कंपनी के बैंक खातों से पैसे निकालकर RBL बैंक के जरिए अपने निजी खाते में ट्रांसफर किए। इसके अलावा उन्होंने इन लेन-देन को निवेश दिखाने के लिए फर्जी म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट और बैंक रिकॉर्ड तैयार किए।

इस घोटाले की वजह से कंपनी को FY 2025 के अकाउंट्स में करीब 270 करोड़ रुपये राइट ऑफ करने पड़े। इसका मतलब है कि यह पैसा अब कंपनी को वापस नहीं मिलेगा।

सरकार की सख्ती

यह मामला ऐसे समय में सामने आया जब भारत सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर कड़ी सख्ती बढ़ा दी है। नए नियमों के चलते Gameskraft ने अपने लोकप्रिय रम्मी और पोकर ऐप्स जैसे Pocket52 को बंद करने का फैसला किया। कंपनी ने साफ किया कि वह अब कानूनी लड़ाई नहीं लड़ेगी और देश के कानूनों के अनुरूप नए डिजिटल गेमिंग समाधान तलाशेगी।

इंडस्ट्री पर असर

विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है। आंतरिक धोखाधड़ी और बड़े पैमाने पर फंड लॉस ने निवेशकों और उपयोगकर्ताओं के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके साथ ही, भारत में रियल मनी गेमिंग को लेकर बढ़ती सख्ती और कानूनी नियम भी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे हैं।

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