मध्य प्रदेश कांग्रेस में 71 जिलाध्यक्षों की लिस्ट पर विवाद। गुना, इंदौर और भोपाल में कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जयवर्धन सिंह समर्थक और अन्य नेता सोशल मीडिया पर असंतोष जता रहे हैं।
MP: मध्य प्रदेश कांग्रेस में हाल ही में 71 जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी होने के बाद विवाद गहरा गया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, गुना और बुरहानपुर समेत कई जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है। विभिन्न जिलों में नियुक्तियों को लेकर नेताओं और समर्थकों में नाराजगी बढ़ रही है। कई कार्यकर्ता सोशल मीडिया और धरना प्रदर्शन के जरिए अपनी असंतोष जताते नजर आ रहे हैं।
गुना में जयवर्धन सिंह के समर्थकों का विरोध
गुना जिले में पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को जिलाध्यक्ष बनाने के फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है। राघौगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला फूंका। समर्थकों का कहना है कि जयवर्धन सिंह को जिला अध्यक्ष बनाना उनके अधिकारों और पार्टी में उनकी छवि को ठेस पहुँचाने जैसा है। सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व को दोबारा सोचने की सलाह दी है और कहा कि प्रदेश नेतृत्व को जिला स्तर तक सीमित करना अन्यायपूर्ण है।
इंदौर में भी असंतोष
इंदौर में पार्टी ने चिंटू चौकस को शहर अध्यक्ष और विपिन वानखेड़े को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया। इस फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई है। विशेषकर सर्वे और राय शुमारी के समर्थक मानते हैं कि उनके नेताओं को दरकिनार किया गया है। विरोध के कारण पार्टी में गुटबंदी की चर्चाएँ तेज हो गई हैं और सोशल मीडिया पर इस असंतोष को बड़े पैमाने पर व्यक्त किया जा रहा है।
भोपाल में परवीन सक्सेना की नियुक्ति पर विवाद
भोपाल जिले में परवीन सक्सेना को जिलाध्यक्ष बनाने का फैसला भी विवादों में घिर गया है। पूर्व जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पार्टी के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि संगठन में बदलाव सही दिशा में होना चाहिए, लेकिन पारदर्शिता और कार्यकर्ताओं की भावना का ध्यान रखना आवश्यक है।
पार्टी संगठन सृजन अभियान का हिस्सा
इस साल जून में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में 'संगठन सृजन' अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत प्रदेश के 71 जिलाध्यक्षों की सूची तैयार की गई। इस लिस्ट में कई नए चेहरों को शामिल किया गया है, जिससे पार्टी में नई परिपाटी और संगठनिक बदलाव की शुरुआत हो सकती है। नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच विवाद के बावजूद यह कदम संगठन की मजबूती और नई रणनीतियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर गहरी असंतोष की लहर
कांग्रेस कार्यकर्ता सोशल मीडिया के जरिए पार्टी नेतृत्व को लगातार संदेश दे रहे हैं। जयवर्धन सिंह के समर्थक और अन्य स्थानीय नेता अपनी आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट और वीडियो के माध्यम से कार्यकर्ता बता रहे हैं कि जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में पारदर्शिता नहीं है और यह पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।