Columbus

एपल के CEO टिम कुक ने किया बड़ा खुलासा, भारत बनेगा iPhone का 'मेड इन' देश

एप्पल के CEO टिम कुक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन 'मेड इन इंडिया' होंगे। 

Technology: एपल अब अपने प्रोडक्शन हब को भारत में स्थानांतरित कर रहा है, जिससे भारत को आईफोन निर्माण में एक महत्वपूर्ण वैश्विक केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। एपल के सीईओ टिम कुक का हाल ही में दिया गया बयान यह साफ करता है कि आने वाले समय में अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन भारत में बनाए जाएंगे। 

यह कदम चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के उद्देश्य से लिया गया है, और भारत अब एपल के लिए एक न सिर्फ प्रमुख बाजार बल्कि महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र भी बन चुका है।

चीन पर निर्भरता कम कर रहा एपल

चीन पर निर्भरता घटाने के कारणों में सबसे बड़ा कारण व्यापार युद्ध, उच्च टैक्स और कोविड-19 जैसी वैश्विक अनिश्चितताएँ रही हैं। एपल को इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैकल्पिक देशों की ओर रुख करना पड़ा। भारत और वियतनाम ने इस रणनीति में सबसे ज्यादा फायदा उठाया है। भारत में इम्पोर्ट टैक्स कम हैं, और यहां की सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित किया है। इसके अलावा, भारत में श्रम लागत चीन के मुकाबले काफी कम है, जो इसे एक आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बनाता है।

भारत में बढ़ते आईफोन निर्माण

एपल का भारत में आईफोन बनाने का कदम लगातार बढ़ता जा रहा है। मार्च 2024 से लेकर मार्च 2025 के बीच, भारत में करीब 22 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1.88 लाख करोड़) मूल्य के आईफोन बनाए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 60% की बढ़ोतरी दर्शाता है। यह भारत के आईफोन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की बढ़ती सफलता को साफ तौर पर दर्शाता है। भारत में आईफोन का उत्पादन पहले से तेज़ी से बढ़ रहा है, और यह आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में भारत में बनाए गए आईफोन की संख्या और भी बढ़ सकती है।

तमिलनाडु और कर्नाटक बनें नए मैन्युफैक्चरिंग हब

भारत में आईफोन असेंबलिंग का प्रमुख काम तमिलनाडु और कर्नाटक में हो रहा है। यहां की फैक्टरियों में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी प्रमुख कंपनियां एपल के लिए स्मार्टफोन बना रही हैं। फॉक्सकॉन, जो एपल का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर है, कर्नाटक में करीब ₹23,000 करोड़ का निवेश कर एक नया प्लांट स्थापित कर चुका है। इस प्लांट से हजारों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है, और वे प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्पादन प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं।

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत में आईफोन उत्पादन की वर्तमान रफ्तार बनी रही, तो 2026 तक भारत में हर साल 6 करोड़ से ज्यादा आईफोन बन सकते हैं। यह संख्या वर्तमान उत्पादन क्षमता से दोगुनी होगी। इस वृद्धि से भारत को न केवल एक प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि यह एपल को वैश्विक बाजार में अपने आईफोन की आपूर्ति को और मजबूत करने में भी मदद करेगा।

भारत से बढ़ता आईफोन निर्यात

2024 में भारत से 17.4 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1.49 लाख करोड़) के आईफोन निर्यात किए गए हैं। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विकास संकेत है, क्योंकि अब भारत से बने करीब 70% आईफोन विदेशों में बिक रहे हैं। चीन की तुलना में भारत से निर्यात करना सस्ता है, क्योंकि यहां टैक्स की दरें कम हैं। इससे एपल को अपने उत्पादन और निर्यात की लागत को कम करने में मदद मिल रही है।

भले ही भारत में एपल की बाजार हिस्सेदारी फिलहाल सिर्फ 8% हो, लेकिन देश में बढ़ती मिडिल क्लास और प्रीमियम स्मार्टफोन की बढ़ती मांग इसे आने वाले वर्षों में और बढ़ा सकती है। टिम कुक का बयान यह दर्शाता है कि एपल अब भारत को केवल एक ग्राहक के रूप में नहीं, बल्कि एक साझेदार के तौर पर देख रहा है। भारत की नीति, कम लागत और प्रतिभाशाली कार्यबल ने इसे वैश्विक आईफोन उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है।

Leave a comment