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एशिया कप 2025 से भारत की अनुपस्थिति की अटकलें बेबुनियाद, BCCI ने अफवाहों पर लगाई रोक

भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए बीते 24 घंटे खासे उथल-पुथल भरे रहे। सुबह से ही सोशल मीडिया और कुछ न्यूज पोर्टल्स पर ये खबर तेजी से फैलने लगी कि टीम इंडिया सितंबर 2025 में होने वाले एशिया कप में हिस्सा नहीं लेगी। 

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सोमवार को उन सभी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया जा रहा था कि भारत पुरुष एशिया कप 2025 और महिला इमर्जिंग टीम एशिया कप से हट गया है। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने स्पष्ट किया कि इन टूर्नामेंट्स को लेकर अभी तक किसी भी स्तर पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।

दरअसल, सोमवार सुबह से सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि भारत एशिया कप में हिस्सा नहीं लेगा, और इसके चलते पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। इन अटकलों ने क्रिकेट प्रशंसकों के बीच हलचल मचा दी थी। लेकिन बीसीसीआई ने इन सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है और कहा है कि भारत की भागीदारी को लेकर कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है।

BCCI सचिव ने दिया साफ बयान: कोई फैसला नहीं लिया गया

बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि, आज सुबह से हमारे संज्ञान में ये झूठी खबर आई कि भारत एशिया कप और महिला इमर्जिंग टीम्स एशिया कप में हिस्सा नहीं लेगा। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि बीसीसीआई ने अभी तक ऐसे किसी भी निर्णय पर न तो कोई चर्चा की है और न ही एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) को कोई आधिकारिक पत्र भेजा है। सैकिया ने आगे कहा कि इस समय बोर्ड का पूरा ध्यान आईपीएल 2025 और आगामी इंग्लैंड सीरीज (महिला और पुरुष दोनों टीमों) पर केंद्रित है।

भारत-पाक संबंधों पर राजनीतिक चर्चा का क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य और राजनीतिक तनाव के चलते यह कयास लगाए जा रहे थे कि भारत एशिया कप में हिस्सा नहीं लेगा, खासकर यदि मेजबानी पाकिस्तान को सौंपी जाती है। लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब भारत-पाक क्रिकेट को राजनीति की वजह से प्रभावित करने की कोशिश की गई हो। 

2023 के एशिया कप में भी इसी तरह की स्थिति बनी थी, जहां अंततः हाइब्रिड मॉडल के तहत टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। ऐसे में यह तय माना जा सकता है कि बीसीसीआई केवल राजनीतिक दबाव में निर्णय नहीं लेता, बल्कि क्रिकेट और खिलाड़ियों के हितों को प्राथमिकता देता है।

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