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EVM Security: जानें कौन-सी टेक्नोलॉजी रखती है वोटिंग मशीन को हैकिंग से सुरक्षित

EVM Security: जानें कौन-सी टेक्नोलॉजी रखती है वोटिंग मशीन को हैकिंग से सुरक्षित

भारत की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT सिस्टम चुनावों में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। ऑफलाइन हार्डवेयर डिज़ाइन, ऑडिट ट्रेल, और सख्त निगरानी के कारण रिमोट हैकिंग या छेड़छाड़ की संभावना न्यूनतम है। चुनाव आयोग की जांचों में भी EVM को भरोसेमंद और सुरक्षित पाया गया है। यह तकनीक भारत में सुरक्षित और विश्वसनीय वोटिंग का प्रतीक है।

EVM: भारत में चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT सिस्टम को डिजाइन किया गया है। भारत के विभिन्न चुनाव केंद्रों में उपयोग की जाने वाली यह तकनीक ऑफलाइन हार्डवेयर आधारित है, जिसमें इंटरनेट से जुड़ाव नहीं है। 2025 तक कई बार उठाए गए हैकिंग के दावों के बावजूद चुनाव आयोग ने इसे सुरक्षित और भरोसेमंद बताया है। इसका उद्देश्य मतदाता को सही और पारदर्शी परिणाम देना है, और मशीन की निगरानी व ऑडिट प्रक्रिया इसे किसी भी छेड़छाड़ से सुरक्षित बनाती है।

EVM का बेसिक डिज़ाइन और ऑफ़लाइन सुरक्षा

भारत की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को ऑफलाइन और हार्डवेयर-आधारित डिज़ाइन के साथ तैयार किया गया है। मशीन किसी नेटवर्क या इंटरनेट से जुड़ी नहीं होती, जिससे रिमोट हैकिंग के जोखिम न्यूनतम रहते हैं। इसका लोकल मेमोरी स्टोरेज और सर्किट सुरक्षा की पहली परत का काम करते हैं। यही कारण है कि EVM अपने मूल डिज़ाइन से ही भरोसेमंद और सुरक्षित मानी जाती है।

इसके अलावा, EVM के साथ VVPAT (Voter-Verified Paper Audit Trail) सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इस प्रणाली में मतदाता को अपनी पसंद की कागज़ी रसीद दिखाई जाती है, जो बाद में गिनी जा सकती है। VVPAT के माध्यम से मतगणना का मिलान किया जाता है, जिससे किसी भी तकनीकी विवाद को सुलझाना आसान होता है।

शोध और सुरक्षा उपाय

अंतरराष्ट्रीय और भारतीय शोधों में यह पाया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम में केवल सैद्धांतिक रूप से कमजोरियां हो सकती हैं, जैसे कि मशीन को भौतिक रूप से खोलकर उसमें छेड़छाड़ करना। इसलिए EVM की सुरक्षा सिर्फ अंदरूनी डिज़ाइन तक सीमित नहीं है, बल्कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया, मशीन का निर्माण, भंडारण, परिवहन और पोलिंग स्टेशनों पर हैंडलिंग पर निर्भर करती है।

चुनाव आयोग की निगरानी में बाय-पार्टी प्रोटोकॉल, लॉजिस्टिक्स का सख्त पालन, स्टोरेज की सुरक्षा और पार्टी प्रतिनिधियों की मौजूदगी EVM की सुरक्षा को और मजबूत बनाती हैं। ये सभी उपाय मिलकर मशीन के भरोसेमंद संचालन और सुरक्षित मतगणना सुनिश्चित करते हैं।

क्या भारत में EVM हैकिंग की रिपोर्टें आईं?

समय-समय पर EVM हैकिंग के दावे सामने आए हैं, लेकिन चुनाव आयोग और अन्य सत्यापन में इन दावों को निराधार पाया गया। आयोग ने बार-बार स्पष्ट किया है कि EVM और VVPAT सिस्टम मजबूत, भरोसेमंद और सुरक्षित हैं। किसी भी चुनाव में छेड़छाड़ के प्रमाण नहीं मिले हैं, और यह तकनीकी रूप से लगातार अपडेट किए जाते हैं।

टेक्नोलॉजी जो बनाती है EVM को सुरक्षित

  • नेटवर्क न होने की वजह से रिमोट अटैक मुश्किल।
  • फर्मवेयर और मेमोरी पर परमिशन-आधारित नियंत्रण और हैश जांच।
  • VVPAT ऑडिट-ट्रेल, जो किसी भी मतगणना में मिलान के लिए उपयोगी है।
  • सख्त लॉजिस्टिक्स और निगरानी, जैसे गोदामों की सुरक्षा और पार्टी निरीक्षक की उपस्थिति।

इन सभी तकनीकी और प्रक्रियागत उपायों से EVM भारत में सुरक्षित, भरोसेमंद और पारदर्शी वोटिंग का प्रतीक बनती है।

भारत की EVM तकनीक और VVPAT सिस्टम मिलकर चुनावों को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाते हैं। मशीन का ऑफलाइन संचालन, ऑडिट ट्रेल और सख्त निगरानी प्रक्रिया किसी भी छेड़छाड़ को रोकने में प्रभावी साबित होती है।

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