Columbus

GST दरों में बड़े बदलाव की तैयारी, MSMEs और किसानों को मिलेगी राहत

GST दरों में बड़े बदलाव की तैयारी, MSMEs और किसानों को मिलेगी राहत

केंद्र सरकार ने GST दरों को सरल बनाने के लिए 5% और 18% की दो-स्लैब संरचना का प्रस्ताव दिया है। इसमें 12% और 28% स्लैब हटाकर ज्यादातर वस्तुओं को निचली दरों में लाने की बात है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पर राज्यों के मंत्रियों के समूह की बैठक में चर्चा करेंगी।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस हफ्ते एक अहम बैठक में शामिल होने जा रही हैं, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की दरों में बड़े बदलाव पर चर्चा होगी। यह बैठक 20 और 21 अगस्त को दिल्ली में होगी, जहां राज्यों के मंत्रियों का समूह यानी जीओएम नई कर प्रणाली पर विचार करेगा।

सरकार का मकसद है कि टैक्स स्लैब को आसान बनाया जाए और आम लोगों पर पड़ने वाला बोझ कम किया जाए। अगर यह प्रस्ताव पास होता है तो रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती हो सकती हैं।

दो स्लैब वाली प्रणाली पर विचार

अभी जीएसटी चार अलग-अलग दरों पर वसूला जाता है। मौजूदा समय में 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरें लागू हैं। केंद्र सरकार ने अब एक नया प्रस्ताव रखा है जिसमें सिर्फ दो मुख्य स्लैब होंगे। इनमें 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें शामिल होंगी।

इस प्रस्ताव में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को खत्म करने की बात है। करीब 99 प्रतिशत वस्तुएं जो अभी 12 प्रतिशत पर आती हैं, उन्हें घटाकर 5 प्रतिशत श्रेणी में लाने का सुझाव दिया गया है। इसी तरह 90 प्रतिशत चीजों और सेवाओं को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की दर में शामिल किया जा सकता है।

किन चीजों पर पड़ेगा असर

अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो सबसे ज्यादा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। दैनिक उपयोग की कई वस्तुएं जैसे पैक्ड फूड, घरेलू सामान और सेवाएं सस्ती हो सकती हैं।

नई कर संरचना में वस्तुओं को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। पहला हिस्सा ‘मेरिट गुड्स’ का होगा यानी वे चीजें जो जरूरी और आम उपयोग में आती हैं। दूसरा हिस्सा ‘स्टैंडर्ड गुड्स’ का होगा यानी वे सामान और सेवाएं जिन पर सामान्य टैक्स लगाया जाता है।

इस व्यवस्था से मध्यम वर्ग, किसानों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई सेक्टर को राहत मिलने की संभावना है।

डिमेरिट गुड्स पर रहेगा ज्यादा टैक्स

केंद्र सरकार ने यह साफ किया है कि कुछ खास वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स दर जारी रहेगी। इनमें पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग जैसी चीजें शामिल हैं। इन पर 40 प्रतिशत तक का टैक्स लगाने का प्रस्ताव है।

इस कदम का उद्देश्य यह है कि नशे और लत से जुड़ी चीजों पर नियंत्रण रखा जा सके और सरकार को इस क्षेत्र से पर्याप्त राजस्व भी मिल सके।

बैठक में कौन-कौन होंगे शामिल

इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यों के मंत्रियों के समूह को संबोधित करेंगी। हालांकि केंद्र सरकार इस समूह की सदस्य नहीं है, लेकिन वित्त मंत्री की मौजूदगी से राज्यों को केंद्र का नजरिया समझने में आसानी होगी।

इस समूह की कमान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के हाथ में है। इसके अलावा इसमें उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल भी शामिल हैं।

उपभोक्ताओं और उद्योग जगत की उम्मीदें

अगर जीओएम इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसे पेश किया जाएगा। वहां अंतिम फैसला लिया जाएगा।

उद्योग जगत की नजर इस बैठक पर टिकी है। उनका मानना है कि अगर टैक्स दरें घटती हैं तो मांग बढ़ेगी और कारोबार को रफ्तार मिलेगी। वहीं उपभोक्ता संगठनों का कहना है कि नई दरें लागू होने से महंगाई कम होगी और लोगों को राहत मिलेगी।

राजस्व पर क्या असर पड़ेगा

सरकार का कहना है कि दरों में बदलाव के बावजूद राजस्व में कमी नहीं आएगी। दरअसल, जब टैक्स स्लैब घटेंगे तो खपत बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स नेट में आएंगे। इससे वसूली भी स्थिर रह सकती है।

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि टैक्स ढांचे को सरल बनाना जरूरी है। मौजूदा समय में अलग-अलग दरें होने से न सिर्फ कारोबारियों को दिक्कत होती है बल्कि उपभोक्ताओं को भी भ्रम बना रहता है।

Leave a comment