Columbus

GST में बड़ा बदलाव: मिठाई, कपड़े और फूड प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते, अगले हफ्ते होगा बड़ा फैसला

GST में बड़ा बदलाव: मिठाई, कपड़े और फूड प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते, अगले हफ्ते होगा बड़ा फैसला

सरकार अगले हफ्ते होने वाली GST Council बैठक (3-4 सितंबर 2025) में बड़े सुधार पर विचार कर रही है। इसमें ब्रांडेड मिठाई, फूड प्रोडक्ट्स और कपड़ों को 5% टैक्स स्लैब में लाने का प्रस्ताव है। सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है। दिवाली से पहले लागू होने पर उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

नई दिल्ली: जीएसटी सुधार (GST Reform) की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार कपड़े, फूड प्रोडक्ट्स और मिठाई समेत कई रोजमर्रा की चीजों को 5% टैक्स स्लैब में लाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण के बाद, दिल्ली में हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में 12% और 28% स्लैब खत्म करने का प्रस्ताव मंजूर किया जा चुका है। अब 3-4 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। सरकार का लक्ष्य दशहरा-दिवाली से पहले नई दरें लागू करने का है, जिससे उपभोक्ताओं और कारोबारियों को सीधी राहत मिलेगी।

कपड़े और फूड प्रोडक्ट्स में कमी का प्रस्ताव

सरकार टेक्सटाइल और फूड प्रोडक्ट्स को 5 प्रतिशत के स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। इससे पहले 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में मंजूर हो चुका है। इससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होगा और उपभोक्ताओं को सीधे राहत मिलेगी।

सीमेंट और अन्य वस्तुओं पर भी चर्चा

GST Reforms के तहत सीमेंट सहित अन्य कई आवश्यक वस्तुओं पर भी टैक्स दर घटाने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल छोटे सैलून जीएसटी से फ्री हैं, लेकिन मिड और हाई कैटेगरी के सैलून पर 18 फीसदी टैक्स लगता है। इसके अलावा, सरकार सैलून सेवाओं और ब्यूटी पार्लर जैसी जन उपभोग सेवाओं पर भी जीएसटी कटौती की योजना पर विचार कर रही है।

कार, इंश्योरेंस और बीमा पर संभावित बदलाव

संसाधनों के अनुसार, 4 मीटर तक लंबी छोटी कारों पर 18 फीसदी और बड़ी कारों पर 40 फीसदी GST स्लैब बनाए रखने पर विचार है। इसके अलावा टर्म इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी खत्म करने की संभावना है। इससे बीमा सेवाओं की लागत सीधे तौर पर कम हो सकती है।

वर्तमान स्लैब पर नजर

फिलहाल मिठाइयों और कपड़ों पर लागू GST की दर भिन्न है। बिना ब्रांड वाली मिठाइयों पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि ब्रांडेड और पैकेज्ड मिठाइयां 18 प्रतिशत स्लैब में आती हैं। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स भी इसी स्लैब में शामिल हैं। कपड़ों पर मूल्य के आधार पर 5 से 12 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। 1000 रुपये या उससे कम कीमत के कपड़ों पर 5 फीसदी और अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 12 फीसदी टैक्स लागू है।

कब हो सकती है अगली बैठक

GST काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में प्रस्तावित है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी। इससे पहले 2 सितंबर को जीएसटी सचिवालय के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में नए स्लैब और संभावित बदलावों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

दिवाली से पहले राहत का अनुमान

सरकार का लक्ष्य है कि दशहरा-दिवाली के समय तक नई दरें लागू हो जाएं। इस साल दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अगर GST सुधार समय पर लागू होता है, तो उपभोक्ताओं को मिठाइयों, कपड़े, फूड प्रोडक्ट्स और अन्य सेवाओं पर कम टैक्स देना होगा।

प्रधानमंत्री का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था कि अगली पीढ़ी का GST सुधार आम आदमी के लिए कर के बोझ को कम करेगा। इस सुधार से न केवल आम उपभोक्ता बल्कि व्यवसायिक क्षेत्र भी फायदा देख सकते हैं।

नई GST संरचना से टेक्सटाइल, फूड, सैलून और ब्यूटी सेवाओं में कीमतों में कमी की उम्मीद है। अगर प्रस्ताव मंजूर होता है, तो यह त्योहारों के समय आम जनता के लिए राहत का बड़ा तोहफा साबित होगा।

Leave a comment