सरकार ने GST स्लैब को घटाकर सिर्फ 5% और 18% किया है, जिससे रोजमर्रा के सामान पर टैक्स कम हुआ। RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इसे प्रगतिशील कदम बताया और कहा कि इससे उपभोक्ताओं को सस्ता सामान मिलेगा, कंजम्प्शन बढ़ेगा और व्यापार आसान होगा। रिलायंस रिटेल ने भी तुरंत इस लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाने का ऐलान किया।
GST Reform: सरकार ने 22 सितंबर से GST स्लैब में बड़ा बदलाव लागू किया है, जिसके तहत रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों जैसे मक्खन, घी, पनीर, स्नैक्स और टूथपेस्ट पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस सुधार की सराहना की और इसे उपभोक्ताओं और कारोबार दोनों के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम कंजम्प्शन बढ़ाएगा, महंगाई कम करेगा और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। रिलायंस रिटेल ने भी टैक्स कट का लाभ ग्राहकों को तुरंत देने का ऐलान किया।
GST रिफॉर्म का मुख्य उद्देश्य
सरकार ने इस बदलाव के पीछे मुख्य उद्देश्य यह बताया है कि उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स का बोझ कम किया जाए और व्यापार के लिए माहौल और सुगम बनाया जाए। पुराने समय में मक्खन, घी, पनीर, स्नैक्स, टूथपेस्ट जैसी चीजों पर 12 या 18 प्रतिशत टैक्स लगता था। नई व्यवस्था में यह सभी वस्तुएं सिर्फ 5 प्रतिशत GST पर उपलब्ध होंगी। इसका सीधा लाभ आम लोगों और छोटे व्यापारियों को होगा।
मुकेश अंबानी ने GST रिफॉर्म की सराहना की
RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस फैसले की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रगतिशील और दूरदर्शी है। उन्होंने बताया कि GST रिफॉर्म उपभोक्ताओं के लिए चीजों को सस्ती बनाएगा और व्यापार को आसान बनाएगा। मुकेश अंबानी ने कहा कि इस बदलाव से कंजम्प्शन बढ़ेगा और महंगाई पर नियंत्रण संभव होगा। उनका मानना है कि यह ‘कंजम्प्शन आधारित विकास’ को बढ़ावा देगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा।
रिलायंस रिटेल का बड़ा कदम
GST रिफॉर्म को देखते हुए रिलायंस रिटेल ने घोषणा की है कि वह टैक्स कट का पूरा फायदा अपने ग्राहकों को तुरंत देना शुरू कर देगी। कंपनी की कार्यकारी निदेशक ईशा अंबानी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हर ग्राहक को पहली दिन से लाभ मिले। उनका कहना है कि यह सुधार त्योहारों के समय में ग्राहकों और व्यापारियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
आम जनता और व्यापारियों को फायदा
नई GST दरों का असर छोटे व्यवसायियों, MSME, निर्माता और किराना स्टोर पर भी पड़ेगा। खासतौर पर त्योहारों के मौसम में जब खर्च बढ़ता है, यह बदलाव आम परिवारों के लिए राहत लेकर आएगा। किसानों और ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों के लिए भी यह महत्वपूर्ण साबित होगा। अब रोजमर्रा के सामान पर टैक्स कम होने से उनकी खरीद शक्ति बढ़ेगी।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि GST रिफॉर्म से बाजार में डिमांड बढ़ेगी और यह निवेशकों को भी आकर्षित करेगा। इसके अलावा उत्पादन लागत कम होने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। नए स्लैब से व्यापारिक पारदर्शिता बढ़ेगी और छोटे व्यवसायिक इकाइयों के लिए कर संबंधी जटिलताओं में कमी आएगी।
त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को नई राहत
GST स्लैब में बदलाव फेस्टिव सीजन के पहले आया है, जिससे बाजार में उत्साह बढ़ेगा। उपभोक्ता अब ज्यादा सामान खरीदने में सक्षम होंगे। 5 प्रतिशत स्लैब पर रोजमर्रा की चीजों के आने से बाजार में कीमतें स्थिर रहेंगी और मांग बढ़ेगी। यह कदम घरेलू उपभोग को बढ़ावा देगा और अर्थव्यवस्था में गति लाएगा।
सरकार का यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद सकारात्मक माना जा रहा है। GST रिफॉर्म से न केवल आम लोगों के जीवन में सस्ती चीजें उपलब्ध होंगी, बल्कि व्यापारिक माहौल भी सुधरेगा। मुकेश अंबानी और रिलायंस रिटेल के फैसले से यह स्पष्ट होता है कि उद्योग जगत भी इस बदलाव का समर्थन कर रहा है। उपभोक्ताओं के लिए यह त्योहारों की शुरुआत से एक नई राहत लेकर आएगा।