गुजरात एटीएस ने अल-कायदा मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकी व्हाट्सएप के जरिए नेटवर्क फैला रहे थे। लगातार निगरानी के बाद यह कार्रवाई की गई है।
Gujarat ATS Arrest: गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने एक अहम ऑपरेशन को अंजाम देते हुए अल-कायदा इन इंडियन सबकॉंटिनेंट (AQIS) से जुड़े चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ चल रहे अभियानों में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, ये चारों संदिग्ध आतंकी सोशल मीडिया के माध्यम से चरमपंथी गतिविधियों में लिप्त थे और AQIS के सक्रिय सदस्यों से संपर्क में थे।
डिजिटल माध्यम से कट्टरपंथ फैलाने की साजिश
गुजरात ATS के सूत्रों का कहना है कि यह मॉड्यूल व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर आकर्षित कर रहा था। इन लोगों की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की निगरानी लंबे समय से चल रही थी। चैट्स और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर ATS को इन पर संदेह हुआ और फिर एक योजनाबद्ध कार्रवाई के तहत इनकी गिरफ्तारी की गई।
निगरानी के बाद पकड़ में आए संदिग्ध
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी कुछ समय से ATS की नजर में थे। वे ऑनलाइन समूहों में शामिल होकर संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप से बरामद हुई जानकारी के अनुसार, वे गुजरात से जुड़े स्थानीय मुद्दों और घटनाओं पर भी चर्चा कर रहे थे। ATS को अंदेशा है कि ये संदिग्ध राज्य में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे।
ATS के डीआईजी सुनील जोशी ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए बताया कि फिलहाल जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में एक विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं जिनसे AQIS नेटवर्क की कार्यप्रणाली का पता चल सकता है। चारों गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
ATS ने बरामद किए आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य
ATS के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों के पास से कुछ ऐसे डिजिटल दस्तावेज, चैट्स और ग्रुप लिंक बरामद किए गए हैं जो सीधे तौर पर उन्हें AQIS से जोड़ते हैं। इन दस्तावेजों की भाषा, सामग्री और उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कहा जा रहा है कि इनका मकसद देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देना था।
लंबे समय से सक्रिय था मॉड्यूल
प्राथमिक जांच से यह भी पता चला है कि यह मॉड्यूल बीते कुछ महीनों से सक्रिय था और लगातार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए नए सदस्यों की भर्ती करने की कोशिश कर रहा था। यह मॉड्यूल गुप्त रूप से युवाओं को मानसिक रूप से तैयार करता था और फिर उन्हें आतंकी नेटवर्क में शामिल करता था।
गुजरात पुलिस की सतर्कता ने रोकी बड़ी साजिश
गुजरात ATS की इस कार्रवाई ने राज्य में संभावित आतंकी हमले की आशंका को समय रहते खत्म कर दिया है। खुफिया एजेंसियों ने इस मॉड्यूल की गतिविधियों को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां सुनिश्चित कीं।