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H-1B वीजा फीस बढ़ने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का विवादित बयान: 'प्रधानमंत्री मोदी को रिटर्न गिफ्ट मिला'

H-1B वीजा फीस बढ़ने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का विवादित बयान: 'प्रधानमंत्री मोदी को रिटर्न गिफ्ट मिला'

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए प्रायोजित कंपनियों की फीस 100,000 डॉलर करने का आदेश दिया, जिसे तिवारी ने भारत के प्रतिभाशाली लोगों पर कुठाराघात बताया। 

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने के फैसले पर भारतीय विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इस फैसले को भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात करार दिया और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “रिटर्न गिफ्ट” के रूप में मिला है।

ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए प्रायोजित कंपनियों से 100,000 अमेरिकी डॉलर शुल्क लेने का आदेश दिया है। इससे अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों और तकनीकी कर्मचारियों पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

कांग्रेस सांसद ने क्या कहा?

प्रमोद तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी को रिटर्न गिफ्ट मिला है। कुल मिलाकर यह भारत के प्रतिभाशाली लोगों पर कुठाराघात है। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि हमें आत्मनिर्भरता बढ़ानी होगी। आपको 11 साल तक कौन रोक रहा था? आपने आत्मनिर्भरता क्यों नहीं बढ़ाई? आप अपनी विदेश नीति ठीक करें और सीधा बोलें। हमारे लाखों युवाओं के भविष्य के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, उस पर भारत का पक्ष मजबूती से रखें।

सांसद ने आगे कहा कि अगर सरकार आत्मनिर्भरता बढ़ाना चाहती थी, तो इसे पहले क्यों नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने स्पष्ट और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता बताई, ताकि भारतीय युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे। तिवारी के अनुसार, भारत सरकार को अमेरिका के इस फैसले पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय पेशेवरों को कोई नुकसान न पहुंचे।

विपक्ष के अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

H-1B वीजा शुल्क बढ़ने के फैसले पर विपक्ष के कई नेता भी भारत सरकार से जवाब मांग रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में कूटनीतिक और राजनीतिक दबाव बनाकर भारतीय युवाओं के हितों की रक्षा करनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि H-1B वीजा शुल्क बढ़ने का असर भारतीय आईटी और तकनीकी पेशेवरों पर लंबी अवधि तक पड़ सकता है। अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय पेशेवरों की भर्ती महंगी हो जाएगी, जिससे नौकरी के अवसरों में कमी आने की संभावना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 सितंबर 2025 को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया, जिसके तहत H-1B वीजा पर शुल्क बढ़ाकर 1 लाख अमेरिकी डॉलर सालाना करने का आदेश दिया गया।

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