आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हम अक्सर शरीर की छोटी-छोटी तकलीफों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सिर दर्द, थकावट या भूख न लगना – हमें सामान्य लगते हैं, लेकिन कई बार ये संकेत किसी गंभीर बीमारी के आगमन की आहट हो सकते हैं। ऐसी ही एक बीमारी है हेपेटाइटिस, जो सीधे लिवर यानी यकृत को प्रभावित करती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है और यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी बन सकती है।
हेपेटाइटिस क्या है?
हेपेटाइटिस एक संक्रामक या गैर-संक्रामक रोग हो सकता है जो लिवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। यह वायरस, शराब, विषैले पदार्थों, दवाइयों या ऑटोइम्यून विकारों के कारण हो सकता है। प्रमुखतः यह पाँच प्रकार का होता है — हेपेटाइटिस A, B, C, D और E। इनमें से कुछ अस्थायी होते हैं जबकि कुछ गंभीर और दीर्घकालिक रूप ले सकते हैं।
हेपेटाइटिस के लक्षण
हेपेटाइटिस का सबसे खतरनाक पहलू यही है कि इसके लक्षण प्रारंभ में बहुत सामान्य लग सकते हैं। अधिकतर लोग इन्हें मामूली समझकर टाल देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ संकेत:
1. लगातार थकावट
बिना किसी भारी काम के भी थक जाना या हमेशा ऊर्जा की कमी महसूस करना लिवर की कमजोरी का संकेत हो सकता है।
2. भूख में कमी
अगर आपकी भूख अचानक कम हो गई है और आप खाने में रुचि नहीं ले रहे हैं, तो यह हेपेटाइटिस का लक्षण हो सकता है।
3. पेट दर्द और मरोड़
पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में लगातार दर्द रहना, विशेषकर खाने के बाद, लिवर से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है।
4. पीलिया (Jaundice)
आंखों का पीला होना, त्वचा का रंग बदलना और गहरे पीले रंग का पेशाब होना हेपेटाइटिस का सबसे प्रमुख संकेत माना जाता है।
5. दस्त या उल्टी
बार-बार उल्टी आना या दस्त की समस्या, खासकर अन्य लक्षणों के साथ, गंभीर संकेत हो सकता है।
6. गहरे रंग का पेशाब और हल्का रंग का मल
यह लिवर के खराब कामकाज का स्पष्ट संकेत है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
कब कराएं चेकअप?
यदि उपर्युक्त में से कोई दो या अधिक लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) जैसे जरूरी खून के परीक्षण करवाएं। शुरुआती जांच और निदान ही लिवर को बचाने की सबसे प्रभावी कुंजी है।
हेपेटाइटिस से बचाव: कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय
1. साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान
हेपेटाइटिस A और E गंदे पानी या संक्रमित भोजन से फैलते हैं। इसलिए साफ-सुथरा पानी पीना और खाने से पहले हाथ धोना ज़रूरी है।
2. सुरक्षित यौन संबंध और सुई से बचाव
हेपेटाइटिस B और C शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क से फैलते हैं। टीकाकरण, सुई या ब्लड ट्रांसफ्यूजन में सतर्कता बेहद आवश्यक है।
3. टीकाकरण कराएं
हेपेटाइटिस A और B के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। समय पर वैक्सीनेशन आपको लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है।
4. अल्कोहल और धूम्रपान से दूरी
शराब और तम्बाकू लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इन्हें पूरी तरह त्यागना लिवर की सेहत के लिए फायदेमंद होगा।
5. संतुलित आहार लें
ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर डाइट अपनाएं। फैटी, फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
6. नियमित व्यायाम करें
रोजाना कम से कम 30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज लिवर को चुस्त और मजबूत बनाए रखने में सहायक होती है।
हेपेटाइटिस एक गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली बीमारी है, यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए। लिवर शरीर का वह अंग है जो खामोशी से काम करता है और जब तक वह आवाज़ उठाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए ज़रूरी है कि हम लिवर की अनदेखी न करें, उसके स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और किसी भी लक्षण को हल्के में लेने की गलती न करें। याद रखिए, सेहत का असली खजाना है — सतर्कता।