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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: कुल्लू-मनाली में भारी तबाही, IMD ने 1 सितंबर तक जारी किया अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: कुल्लू-मनाली में भारी तबाही, IMD ने 1 सितंबर तक जारी किया अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। कुल्लू और मनाली क्षेत्र में ब्यास नदी उफान पर है, जिसकी तेज धारा अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को बहा ले जाने की स्थिति में है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून ने भारी तबाही मचा दी है। लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुल्लू और मनाली में ब्यास नदी उफान पर है और जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच चुका है। मनाली के वाहंग क्षेत्र में बाढ़ ने दो रेस्टोरेंट, तीन दुकानें और एक घर पूरी तरह नष्ट कर दिया। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

कुल्लू और मनाली में हालात भयावह

मनाली में लगातार बारिश के कारण ओल्ड मनाली को जोड़ने वाला पुल बह गया। रायसन क्षेत्र में एक होटल भी खतरे की जद में है। ब्यास नदी में एक जीप और एक ट्रक बह गए हैं, लेकिन किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। तीर्थन घाटी में भूस्खलन और बाढ़ से स्थानीय लोग दहशत में हैं। कुल्लू उपायुक्त तोरूल एस. रवीश ने बताया कि पिछले 48 घंटों में 100 से अधिक ग्रामीण सड़कें और कई पुल बह चुके हैं। बिजली के ट्रांसफार्मर और जल शक्ति विभाग की योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

मंडी जिले में ब्यास नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया। पंचवक्त्र महादेव मंदिर के प्रांगण तक पानी पहुँच गया और मंदिर परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। कांगड़ा जिले के पौंग बांध का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण बीबीएमबी प्रशासन ने नया शेड्यूल जारी किया है। इसके अनुसार जलस्तर के अनुसार पानी चरणबद्ध तरीके से छोड़ा जाएगा।

  • 1390 फीट पर 80,000 क्यूसेक
  • 1395 फीट पर 1,10,000 क्यूसेक
  • 1399 फीट पर 1,70,000 क्यूसेक
  • 1400 फीट पर स्वतः फ्री फ्लो

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को लेकर 1 सितंबर तक चेतावनी जारी की है।

  • 27 अगस्त: शिमला और मंडी में येलो अलर्ट
  • 28 अगस्त: उना और कांगड़ा में येलो अलर्ट
  • 29 अगस्त: शिमला, सोलन, सिरमौर और मंडी में ऑरेंज अलर्ट; उना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में येलो अलर्ट
  • 30 अगस्त: किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में बारिश की चेतावनी; कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और शिमला में ऑरेंज अलर्ट
  • 31 अगस्त: अधिकांश जिलों में भारी बारिश की संभावना
  • 1 सितंबर: राज्य में येलो अलर्ट

सड़क और बिजली व्यवस्था चरमरा गई

मानसून के चलते हिमाचल प्रदेश की सड़क और बिजली व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हुई है। बीते 24 घंटों में तीन नेशनल हाईवे और 677 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी जिले में 342, कुल्लू में 131, शिमला में 45, कांगड़ा में 67, सिरमौर में 36, सोलन में 19, बिलासपुर में 13, हमीरपुर में 5 और उना में 18 सड़कें ठप हैं।प्रदेश में कुल 1413 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मंडी में 1021 और कुल्लू में 402 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सोलन में 63, हमीरपुर में 49 और शिमला में 29 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं।

प्रदेश में 420 पेयजल योजनाएं बंद हैं। इनमें सबसे अधिक कांगड़ा में 148, कुल्लू में 88, हमीरपुर में 78, मंडी में 62 और शिमला में 35 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मानसून शुरू होने से अब तक प्रदेश में 310 लोग मारे जा चुके हैं, 38 लोग लापता हैं और 369 घायल हुए हैं।  मंडी जिले में सबसे अधिक 51 मौतें हुई हैं। अब तक 3339 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 720 पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1506 मकानों को नुकसान हुआ है, जिसमें 494 पूरी तरह ध्वस्त हुए। पूरे प्रदेश में 476 दुकानें और 2979 पशुशालाएं बर्बाद हुई हैं। इसके अलावा 1846 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है।

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