फिडे शतरंज वर्ल्ड कप का आयोजन इस बार गोवा में 30 अक्टूबर से 27 नवंबर तक किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में न केवल 20 लाख डॉलर की इनामी राशि दांव पर होगी, बल्कि अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तीन महत्वपूर्ण स्थान भी तय किए जाएंगे।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत 23 साल बाद शतरंज वर्ल्ड कप की मेजबानी करने जा रहा है। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट इस वर्ष गोवा में 30 अक्टूबर से 27 नवंबर तक आयोजित होगा। इस आयोजन में न केवल दुनिया के शीर्ष शतरंज खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, बल्कि यह टूर्नामेंट अगले वर्ष के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तीन स्थान और 20 लाख अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि का भी दांव पेश करेगा।
इस विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में कुल 206 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, जिनमें वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश, दुनिया के नंबर एक मैग्नस कार्लसन, फाबियानो करुआना और भारत के युवा सुपरस्टार आर. प्रज्ञानानंदा शामिल हैं। हालांकि, मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन गुकेश कैंडिडेट्स क्वालीफिकेशन में भाग नहीं लेंगे, इसलिए यह देखना होगा कि वे केवल पुरस्कार राशि और रेटिंग अंकों के लिए खेलेंगे या नहीं।
भारत की शतरंज प्रतिभाओं का दबदबा
मेजबान भारत की टीम इस टूर्नामेंट में सबसे मजबूत मानी जा रही है। भारत के 21 खिलाड़ी प्रवेश सूची में शामिल हैं, जिनमें पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद भी शामिल हैं। आनंद जून 2025 की फिडे रेटिंग सूची के माध्यम से सीधे प्रवेश पाए हैं। हालांकि, उन्होंने हाल ही में क्लासिकल शतरंज में कम खेला है, जिससे उनकी उपस्थिति अभी अनिश्चित बनी हुई है।
यह टूर्नामेंट भारतीय शतरंज के लिए गर्व का क्षण है। पिछली बार भारत ने 2002 में हैदराबाद में वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी और उस समय आनंद ने खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया था। तब से भारतीय शतरंज ने लगातार प्रगति की है और प्रज्ञानानंदा, अर्जुन एरिगेसी और निहाल सरीन जैसे युवा सितारों की मौजूदगी से भारत की दावेदारी और मजबूत हो गई है।
चेस वर्ल्ड कप प्रतिस्पर्धा का प्रारूप और नियम
फिडे वर्ल्ड कप में आठ राउंड के नॉकआउट प्रारूप में मुकाबले होंगे। प्रत्येक मैच में दो क्लासिकल गेम खेली जाएंगी। यदि दोनों गेम बराबरी पर समाप्त होती हैं, तो रैपिड और ब्लिट्ज प्लेऑफ के जरिए विजेता तय किया जाएगा। शीर्ष 50 वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सीधे दूसरे दौर में प्रवेश करेंगे, जबकि बाकी खिलाड़ी पहले दौर में भाग लेंगे।
फिडे ने घोषणा की है कि यह टूर्नामेंट “हर मैच जीतो या घर जाओ” वाले नियम के तहत खेला जाएगा, जिससे यह विश्व शतरंज कैलेंडर का सबसे नाटकीय आयोजन बन जाएगा। फिडे के अध्यक्ष आर्केडी ड्वोर्कोविच ने कहा, “भारत अब शतरंज खेलने वाले सबसे मजबूत देशों में से एक बन गया है। खिलाड़ियों और उत्साही प्रशंसकों के लिए यह एक अद्वितीय अनुभव होगा।”
इस वर्ष की शुरुआत में जॉर्जिया में फिडे महिला वर्ल्ड कप की सफलता के बाद फिडे वर्ल्ड कप को गोवा में लाने का निर्णय विशेष महत्व रखता है। ड्वोर्कोविच ने इसे “शतरंज का उत्सव” बताते हुए कहा कि यह टूर्नामेंट दुनिया भर के खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा।