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Hindalco Industries के तिमाही नतीजे शानदार, मुनाफा 30 फीसदी उछलकर 4000 करोड़ के पार

Hindalco Industries के तिमाही नतीजे शानदार, मुनाफा 30 फीसदी उछलकर 4000 करोड़ के पार

Hindalco Industries ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 30% बढ़त के साथ ₹4,004 करोड़ का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया। एल्युमीनियम की ऊंची कीमत, बेहतर परिचालन और लागत नियंत्रण से रेवेन्यू 13% बढ़कर ₹64,232 करोड़ हो गया। घरेलू एल्युमीनियम व तांबे कारोबार ने मजबूत प्रदर्शन किया, जबकि अमेरिकी सहायक नोवेलिस के शिपमेंट में भी वृद्धि हुई।

Hindalco Industries Q1 Results: आदित्य बिड़ला ग्रुप की मेटल कंपनी Hindalco Industries ने 12 अगस्त 2025 को पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजों में 30% वृद्धि के साथ ₹4,004 करोड़ का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट घोषित किया। एल्युमीनियम की औसत कीमत में वृद्धि, लागत नियंत्रण और बेहतर उत्पाद मिश्रण से रेवेन्यू 13% बढ़कर ₹64,232 करोड़ रहा। घरेलू एल्युमीनियम अपस्ट्रीम कारोबार 6% और डाउनस्ट्रीम 17% बढ़ा, जबकि तांबा कारोबार 4% बढ़कर 124 KT पर पहुंचा। अमेरिकी सहायक नोवेलिस के शिपमेंट 1% बढ़कर 963 KT रहे, जिसमें बेवरेज कैन की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही।

रेवेन्यू में भी मजबूत उछाल

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज का ऑपरेशनल रेवेन्यू अप्रैल-जून तिमाही में 13 प्रतिशत बढ़कर 64232 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 57013 करोड़ रुपये था. एल्युमीनियम की बढ़ी हुई औसत कीमत और तांबे के कारोबार में स्थिर प्रदर्शन ने रेवेन्यू को मजबूती दी.

कंपनी के प्रबंध निदेशक सतीश पई ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड प्रॉफिट हासिल करने के बाद हिंडाल्को ने इस तिमाही में भी मजबूत प्रदर्शन के साथ विकास की रफ्तार बनाए रखी है. उन्होंने बताया कि कंपनी ने बेहतर परिचालन क्षमता, लागत नियंत्रण और बेहतर उत्पाद मिश्रण के जरिए यह उपलब्धि हासिल की है.

घरेलू एल्युमीनियम कारोबार में निरंतर मजबूती

घरेलू एल्युमीनियम अपस्ट्रीम कारोबार से कंपनी की आय इस तिमाही में 6 प्रतिशत बढ़कर 9,331 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 8,839 करोड़ रुपये था। कंपनी के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे उत्पादन क्षमता में सुधार, बेहतर मांग और स्थिर कीमतों का योगदान रहा।

वहीं, डाउनस्ट्रीम एल्युमीनियम कारोबार ने भी शानदार प्रदर्शन किया और आय में 17 प्रतिशत की तेज छलांग दर्ज की। यह आय बढ़कर 3,353 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस वृद्धि का मुख्य कारण उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों की बढ़ी हुई मांग, नए ऑर्डर और निर्यात में सुधार बताया जा रहा है।

कंपनी के सीईओ पई ने जानकारी दी कि एल्युमीनियम इंडिया का अपस्ट्रीम सेगमेंट 44 प्रतिशत के EBITDA मार्जिन के साथ उद्योग में अपनी नेतृत्वकारी स्थिति बनाए हुए है। यह प्रदर्शन कंपनी की उत्पादन क्षमता, लागत नियंत्रण और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों पर फोकस का नतीजा है।

तांबे के कारोबार में भी अच्छा प्रदर्शन

हिंडाल्को का तांबा कारोबार भी इस तिमाही में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहा. देश में तांबा उत्पादन 4 प्रतिशत बढ़कर 124 किलो टन हो गया, जो पिछले वर्ष की पहली तिमाही में 119 किलो टन था. उपचार शुल्क और शोधन शुल्क (TC/RC) में कमी के बावजूद तांबे के कारोबार ने उम्मीद के मुताबिक अच्छा EBITDA अर्जित किया.

अमेरिकी सहायक कंपनी नोवेलिस का योगदान

हिंडाल्को की अमेरिकी सहायक कंपनी नोवेलिस के शिपमेंट में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 963 किलो टन तक पहुंच गई. इसमें बेवरेज कैन शिपमेंट का योगदान सबसे अधिक रहा, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 8 प्रतिशत ज्यादा था. नोवेलिस का प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर एल्युमीनियम उत्पादों की मांग में सुधार का संकेत देता है.

वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी कंपनी

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड आदित्य बिड़ला ग्रुप का हिस्सा है और 28 अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्य के साथ यह रेवेन्यू के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी एल्युमीनियम कंपनी है. चीन को छोड़कर यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कॉपर रॉड निर्माता भी है. कंपनी के पास वैश्विक स्तर पर विस्तृत उत्पादन नेटवर्क और विविध उत्पाद पोर्टफोलियो है, जिससे यह विभिन्न उद्योगों की मांग को पूरा करने में सक्षम है.

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