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हरियाणा में घग्गर नदी का उग्र रूप: सिरसा, फतेहाबाद और कैथल में बाढ़, बहादुरगढ़ में सेना तैनात

हरियाणा में घग्गर नदी का उग्र रूप: सिरसा, फतेहाबाद और कैथल में बाढ़, बहादुरगढ़ में सेना तैनात

बारिश कुछ थमी तो हरियाणा में नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को कुछ जिलों में कमी आई, लेकिन कुछ जिलों में अब भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। घग्गर और मारकंडा नदियों का पानी तटबंध तोड़कर खेतों और आबादी में प्रवेश कर रहा है।

चंडीगढ़: मानसून में बारिश की कमी के बाद हरियाणा की नदियों में शुक्रवार को जलस्तर में गिरावट आई, लेकिन कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा अभी भी कायम है। जीटी रोड बेल्ट में मारकंडा, राक्षी और कैथल को छोड़कर अधिकांश नदियां खतरे के निशान से नीचे बहने लगी हैं। फिर भी, सिरसा, फतेहाबाद और कैथल जिलों में घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे खेत और आबादी प्रभावित हो रही हैं।

कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा नदी उग्र है और जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यमुना, टांगरी, बेगना समेत अन्य नदियों का बहाव कम हुआ है, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है। शुक्रवार को जलभराव और बारिश के कारण पांच लोगों की मौत हो गई।

बहादुरगढ़ में सेना की तैनाती

झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में जलभराव से निपटने के लिए सेना के जवानों को मोर्चा संभालना पड़ा। जवान सिंचाई विभाग और एनडीआरएफ टीमों के साथ मिलकर मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंध को मजबूत करने में लगे हैं। सीमा से सटे गांवों में छह फीट तक पानी भर गया, जिससे लगभग 3,000 लोग घरों में फंसे हुए हैं।

अंबाला में जलभराव के कारण अनिल (50) की मौत हुई, जो वीरवार को दूध पहुँचाने गए थे। कुरुक्षेत्र में मारकंडा के उफान से चनालहेड़ी के अरुण (19) की बीबीपुर झील में डूबकर मृत्यु हुई। फतेहाबाद में मंगेड़ा गांव में मकान की छत गिरने से परिवार के मुखिया पवन कुमार (40) की मौत हुई, जबकि उनकी पत्नी और दो बच्चे घायल हो गए। इसके अलावा, फरीदाबाद के शिव एनक्लेव 3 से लापता हुए ससुर सागर और दामाद बंटी का शव जलभराव में मिला।

तेज बहाव के कारण तटबंध और ड्रेन लगातार टूट रहे

तेज बहाव के कारण तटबंध और ड्रेन लगातार टूट रहे हैं। यमुनानगर के टापू कमालपुर में तीन दिन में लगाए गए मिट्टी के कट्टे बह गए। कुरुक्षेत्र के नैसी गांव के पास और सिरसा के झोरड़नाली में कच्चा तटबंध टूट गया। हिसार में पातन, गुराना और कैमरी के पास घग्गर ड्रेन टूट गई। रोहतक के सांपला में पाकस्मा-गांधरा ड्रेन ओवरफ्लो हो गया।

हरियाणा में इस मानसून में सामान्य से 48 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। इससे कुल 8,66,927 एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई। राज्य सरकार ने फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में मकान ढहने से मारे गए 11 लोगों के परिवारों को 4 लाख रुपये प्रति परिवार की अनुग्रह सहायता प्रदान की है।

वित्त आयुक्त, राजस्व, डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि फतेहाबाद, झज्जर, कुरुक्षेत्र और महेंद्रगढ़ जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। सभी उपायुक्तों और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को हाई अलर्ट पर रहने और जनता को मौसम संबंधी चेतावनी देने का निर्देश दिया गया है।

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल और राहत कार्य जारी 

राज्य सरकार ने 15 सितंबर 2025 तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है, जो प्रभावित किसानों के लिए फसल क्षति आकलन और मुआवजे की सुविधा प्रदान करेगा। पोर्टल से लगभग 2,687 गांवों को कवर किया जाएगा और 1,46,823 किसान पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं। बारिश और बाढ़ प्रभावित 2,247 लोगों को राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया, खासकर पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों में। एसडीआरएफ की सात इकाइयां पलवल, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और फरीदाबाद में रणनीतिक रूप से तैनात हैं। एनडीआरएफ की टीमें पलवल में अतिरिक्त सहायता प्रदान कर रही हैं।

राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत कार्यों के लिए 3.06 करोड़ रुपये की आरक्षित निधि स्वीकृत की है। शहरी क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को 50 लाख रुपये जारी किए गए हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक कवरेज सुनिश्चित किया जा सके।

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