केरल के इडुक्की जिले में शनिवार रात भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत और कई घर मलबे में दब गए। हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग-85 के चौड़ीकरण स्थल के पास हुआ। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
Keral Landslide: केरल के इडुक्की जिले के आदिमाली क्षेत्र में शनिवार रात भूस्खलन (Landslide) की बड़ी घटना हुई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई। भूस्खलन राष्ट्रीय राजमार्ग-85 (National Highway-85) के चौड़ीकरण स्थल के पास हुआ, जिससे कम से कम आठ घर पूरी तरह मलबे में दब गए। घटना ने इलाके में दहशत फैला दी और प्रशासन के कार्यों पर गंभीर सवाल उठे।
हादसे में जान गंवाने वाला व्यक्ति
मृतक की पहचान 48 वर्षीय बिजू के रूप में हुई है, जो लक्षमवीडू उन्नाथी कॉलोनी में रहते थे। उनकी पत्नी संध्या गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें इलाज के लिए अलुवा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार, प्रशासन ने पहले ही भूस्खलन की संभावना को देखते हुए सभी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था। लेकिन बिजू और संध्या रात में खाना बनाने के लिए दोबारा अपने घर लौट आए थे।
अचानक ढही पहाड़ी, मलबे में दबे घर
रात करीब 10:30 बजे पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया। भारी मात्रा में मिट्टी और पत्थर कॉलोनी के घरों पर आ गिरे। कुछ ही पलों में आठ घर पूरी तरह मलबे में दब गए। राहत-बचाव टीमों ने मौके पर पहुंचकर पांच घंटे की मशक्कत के बाद बिजू और संध्या को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बिजू की मौत हो चुकी थी। संध्या की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
प्रशासन की लापरवाही पर स्थानीयों का आरोप
स्थानीय लोगों ने राजमार्ग चौड़ीकरण कार्य को इस हादसे के लिए जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि काम के दौरान जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए। क्षेत्र के निवासी सुल्फी ने बताया कि “पहाड़ी से मिट्टी हटाते समय कोई रिटेनिंग वॉल (Retaining Wall) नहीं बनाई गई थी। खतरे की चेतावनी के बावजूद काम जारी रखा गया।”

एक अन्य स्थानीय निवासी अनस, जिसका घर पूरी तरह नष्ट हो गया, ने बताया कि उन्होंने सुबह ही पहाड़ी में गहरी दरारें देखीं और प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी। अधिकारियों ने खतरे को देखते हुए लोगों को खाली कराने के आदेश तो दिए, लेकिन चौड़ीकरण का काम बंद नहीं कराया गया।
सड़क चौड़ीकरण पर उठे सवाल
राष्ट्रीय राजमार्ग-85 पर चल रहे चौड़ीकरण कार्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। यह प्रोजेक्ट लंबे समय से विवादों में है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के मिट्टी कटाई की जा रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी परियोजनाओं में ‘Slope Protection’ और ‘Drainage Management’ बेहद जरूरी हैं, जिनकी अनदेखी से भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सरकार तत्काल निर्माण कार्य रोककर सुरक्षा मानकों की जांच कराए। साथ ही, प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
अदिमाली पुलिस ने बिजू की मौत को लेकर अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस ने कहा है कि चौड़ीकरण कार्य में लापरवाही पाई गई तो ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिवार के एक रिश्तेदार ने बताया कि बिजू पहले भी कई बार प्रशासन को पहाड़ी से मिट्टी गिरने की शिकायत कर चुके थे। पिछले साल उनके बेटे की मौत हो गई थी और अब यह हादसा उनके परिवार के लिए एक और बड़ा सदमा लेकर आया है। उनकी बेटी फिलहाल कोट्टायम में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है।
क्या कहता है प्रशासन
इडुक्की जिला प्रशासन ने बताया कि क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिससे पहाड़ी की मिट्टी कमजोर हो गई थी। अधिकारियों ने कहा कि चौड़ीकरण कार्य की सुरक्षा मानकों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई जा रही है। राहत-बचाव कार्य पूरा होने के बाद मलबा हटाने और पुनर्वास प्रक्रिया शुरू की जाएगी।













