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इजरायल-ईरान हमलों के बीच भारत के डिफेंस शेयरों में 8% तक की छलांग

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए इजरायल द्वारा शुक्रवार को उसके कई परमाणु प्रतिष्ठानों पर जोरदार हमले किए गए। इस हमले के बाद वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव काफी बढ़ गया है।

नई दिल्ली: मध्य पूर्व में फिर एक बार भू-राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है। इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमले ने पूरी दुनिया की नजरें इस क्षेत्र पर टिका दी हैं। इस हमले का असर जहां वैश्विक बाजारों पर दिखा, वहीं भारत के शेयर बाजार में भी इसका स्पष्ट प्रभाव देखा गया। सेंसेक्स में भारी गिरावट आई, लेकिन इसी बीच डिफेंस सेक्टर के कुछ चुनिंदा स्टॉक्स ने शानदार प्रदर्शन किया और निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिलाया।

इजरायल के इस सैन्य ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य ईरान की सैन्य क्षमता और परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करना बताया गया है। इस टारगेटेड स्ट्राइक का सीधा असर दुनियाभर के रक्षा बाजारों और निवेश के रुझान पर पड़ा है।

सेंसेक्स में गिरावट, डिफेंस शेयरों में तेजी

जहां एक ओर भारत का प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स 1100 अंकों की गिरावट के साथ नीचे आया, वहीं डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। जानकारों का मानना है कि युद्ध या सैन्य तनाव की स्थिति में रक्षा उत्पादों और तकनीक की मांग बढ़ती है, जिससे डिफेंस कंपनियों की ग्रोथ संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

इसी वजह से भारत डायनेमिक्स, HAL, पारस डिफेंस, इंडिया फोर्ज, जेन टेक्नोलॉजी, कोचीन शिपयार्ड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स जैसी कंपनियों के शेयरों में मजबूती देखने को मिली।

किस स्टॉक ने कितना दिया रिटर्न

  • इंडिया फोर्ज: ड्रोन्स और रक्षा उत्पादों में माहिर इस कंपनी के शेयर में लगभग 8 प्रतिशत की छलांग देखी गई।
  • जेन टेक्नोलॉजी: लगभग 4 प्रतिशत की बढ़त के साथ शेयर का भाव 1981 रुपये तक पहुंच गया।
  • भारत डायनेमिक्स और पारस डिफेंस: दोनों ही कंपनियों के स्टॉक्स में 2.5 प्रतिशत तक की तेजी आई।
  • HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड): रक्षा विमानों और हेलीकॉप्टरों के निर्माण में माहिर HAL के शेयरों में 4 प्रतिशत का उछाल देखा गया।
  • कोचीन शिपयार्ड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स: नौसेना से जुड़ी इन कंपनियों के शेयरों ने भी मजबूती के साथ कारोबार किया।
  • सोलार इंडस्ट्रीज और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स: गोला-बारूद और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली बनाने वाली इन कंपनियों में भी निवेशकों की रुचि बढ़ी।

डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत का असर

जानकारों का मानना है कि डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता की नीति अब रंग ला रही है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने डिफेंस उत्पादन में स्वदेशीकरण पर जोर दिया है। रक्षा उपकरणों और हथियारों के आयात पर पाबंदियों के साथ-साथ घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं।

इसके अलावा निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिलना भी इनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर रहा है। भारत डायनेमिक्स जैसी कंपनियां अब मिसाइल सिस्टम से लेकर एडवांस वेपन सिस्टम तक के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

भविष्य के लिए क्या संकेत देती है यह तेजी

विशेषज्ञ मानते हैं कि भू-राजनीतिक तनाव डिफेंस सेक्टर को एक ‘सेफ हेवन’ निवेश विकल्प बना देता है। जब अन्य सेक्टर अनिश्चितताओं से प्रभावित होते हैं, तब डिफेंस कंपनियों में निवेश अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है।

इजरायल और ईरान के बीच इस ताजा संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चिंता जरूर बढ़ाई है, लेकिन इससे भारत के डिफेंस सेक्टर की ग्रोथ की संभावनाएं भी उजागर हुई हैं। ऐसे में निवेशकों को यह अवसर एक रणनीतिक निवेश की तरह देखने की सलाह दी जा रही है।

निवेशकों के लिए विशेषज्ञों की सलाह

  • डिफेंस स्टॉक्स को लंबे समय के लिए पोर्टफोलियो में रखना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है
  • युद्ध और सैन्य तनाव के दौरान यह सेक्टर अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक स्थिर रिटर्न देता है
  • निवेश से पहले कंपनियों की वित्तीय स्थिति और ऑर्डर बुक का मूल्यांकन जरूर करें
  • सरकारी योजनाएं और रक्षा मंत्रालय की नीति इन कंपनियों पर प्रत्यक्ष असर डालती हैं, इनका भी विश्लेषण करें

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