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इजरायल-ईरान तनाव: क्या मिडिल ईस्ट में फिर भड़केगी जंग? वैश्विक सुरक्षा पर खतरा

इजरायल-ईरान तनाव: क्या मिडिल ईस्ट में फिर भड़केगी जंग? वैश्विक सुरक्षा पर खतरा

पश्चिम एशिया एक बार फिर उस मोड़ पर खड़ा है, जहां किसी भी वक्त हालात युद्ध में बदल सकते हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया भर में चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब इस तनावपूर्ण पृष्ठभूमि में इजरायल की ओर से मिल रही संकेतों ने स्थिति को और विस्फोटक बना दिया है।

वाशिंगटन डीसी: इजरायल जल्द ही ईरान में एक सैन्य ऑपरेशन की शुरुआत कर सकता है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए अमेरिका को आशंका है कि ईरान, इराक में स्थित कुछ अमेरिकी सैन्य या राजनयिक ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसी कारण अमेरिका ने अपने गैर-आपातकालीन सरकारी अधिकारियों को इराक छोड़ने का निर्देश दिया है और वहां रह रहे नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। 

परमाणु कार्यक्रम बना टकराव की जड़

ईरान पिछले कई वर्षों से अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर रहा है। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका सहित कई पश्चिमी देश यह आशंका जता चुके हैं कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सैन्य उद्देश्यों के लिए विकसित कर सकता है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी चेताया था कि ईरान ने यूरेनियम संवर्धन की मात्रा बढ़ा दी है, जो उसे परमाणु हथियार हासिल करने के और करीब लाता है।

इजरायल के प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक बयान में कहा, हम ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाजत नहीं देंगे, चाहे इसके लिए हमें किसी भी हद तक क्यों न जाना पड़े। यह बयान इस ओर स्पष्ट संकेत देता है कि इजरायल अब कूटनीतिक वार्ताओं के बजाय सैन्य रास्ता अपनाने की तैयारी में है। टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली रक्षा बल (IDF) ने संभावित हमले के लिए अभ्यास भी तेज कर दिए हैं।

अमेरिका भी सतर्क, नागरिकों को जारी की चेतावनी

इस बीच, अमेरिका ने भी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मध्य-पूर्व में अपने नागरिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने इराक, बहरीन और कुवैत में तैनात गैर-जरूरी राजनयिक कर्मियों और उनके परिवारों को स्वदेश लौटने की सलाह दी है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हालांकि अमेरिका की मौजूदा सरकार बाइडन की है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। वाशिंगटन में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते हुए ट्रंप ने कहा, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते, हम इसकी इजाजत नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो हम सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। ट्रंप प्रशासन पहले भी ईरान के खिलाफ कठोर प्रतिबंध और सैन्य विकल्पों की वकालत करता रहा है।

ईरान की प्रतिक्रिया: 'कड़ी जवाबी कार्रवाई'

ईरान की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन तेहरान के रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि यदि इजरायल कोई भी हमला करता है, तो उसका जवाब ‘तुरंत और निर्णायक’ होगा। इसके अलावा, हिज्बुल्लाह और ईरान समर्थित अन्य मिलिशिया गुटों को भी अलर्ट पर रखा गया है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।

हालात चाहे जितने भी तनावपूर्ण हों, कूटनीतिक प्रयास अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं। खबर है कि पूर्व अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ एक बार फिर ईरान के अधिकारियों से बातचीत के लिए तेहरान की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। यह छठा ऐसा प्रयास होगा, जिसमें अमेरिका ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर कोई समझौता करने के लिए मनाने की कोशिश करेगा।

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