दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कम से कम 49 लोगों की जान जा चुकी है।
केप टाउन: दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत में बीते दिनों मौसम ने जो विकराल रूप धारण किया, उसने न केवल सैकड़ों परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि देश की आपदा प्रबंधन क्षमताओं पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस आपदा में अब तक 49 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें छह मासूम स्कूली छात्र भी शामिल हैं। ये बच्चे उस समय बाढ़ की चपेट में आ गए जब उनकी स्कूल बस एक उफनती नदी के बीच फंस गई और बह गई।
बर्फबारी और बारिश का दुर्लभ मेल बना विनाश की वजह
पूर्वी केप प्रांत, जो आमतौर पर शुष्क मौसम के लिए जाना जाता है, इस बार भारी बर्फबारी और मूसलधार बारिश के अद्भुत मेल का गवाह बना। इस दुर्लभ मौसमी बदलाव ने देखते ही देखते पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर दिया। दक्षिण अफ्रीकी मौसम विभाग (SAWS) के मुताबिक, यह स्थिति एक असामान्य ‘कट-ऑफ लो’ प्रणाली के कारण उत्पन्न हुई, जिससे एक साथ अत्यधिक ठंड और भारी वर्षा हुई।
स्कूली छात्रों की दर्दनाक मौत
पूर्वी केप के प्रीमियर ऑस्कर माबुयाने ने बताया कि सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाली घटना मंगलवार सुबह घटी, जब एक स्कूल बस जिसमें दर्जनों छात्र सवार थे, नदी पार करते समय तेज बहाव में बह गई। इस घटना में छह बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि चार छात्र अब भी लापता हैं। स्थानीय निवासी थांडो मट्शेकिजा ने मीडिया को बताया, हमने बस को बहते देखा, लेकिन पानी इतना तेज था कि कुछ नहीं कर पाए। बच्चे चिल्ला रहे थे, लेकिन हम असहाय थे।
आपदा प्रबंधन एजेंसियों और सेना की टुकड़ियों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन कई गांवों से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। बाढ़ ने सड़कें, पुल और बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप कर दी है। हेलिकॉप्टर और नौकाओं की मदद से राहत कार्य चलाया जा रहा है, लेकिन मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव से अभियान बाधित हो रहा है। पूर्वी केप सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है और प्रभावित इलाकों को आपदा क्षेत्र घोषित किया है।
जलवायु परिवर्तन की चेतावनी?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आपदा जलवायु परिवर्तन के संकेतों में से एक है। पर्यावरणविदों ने चेताया है कि अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में अब चरम मौसम की घटनाएं आम होती जा रही हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ केप टाउन में पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर लीना ड्वायर का कहना है, "यह बाढ़ एक चेतावनी है कि अगर हमने समय रहते पर्यावरणीय नीतियों पर ध्यान नहीं दिया, तो ऐसे हादसे और घातक हो सकते हैं।"
दक्षिण अफ्रीका को द वर्ल्ड इन वन कंट्री कहा जाता है, विविधता में एकता इसका मूल स्वर है। यहां के तीन राजधानियां (प्रिटोरिया – प्रशासनिक, केप टाउन – विधायी, और ब्लोमफोंटेन – न्यायिक) इस विविधता का प्रतीक हैं। देश की 63 मिलियन से अधिक आबादी में विभिन्न जातीय समूह रहते हैं, जिनमें भारतीय मूल के लोग भी बड़ी संख्या में हैं।