हर साल 14 अक्टूबर को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय ई-वेस्ट डे (International E-Waste Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पुराने और बेकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सही निपटान करना क्यों आवश्यक है। टीवी, कंप्यूटर, प्रिंटर, गेम कंसोल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम, जो समय के साथ पुरानी या टूटी हो जाती हैं, अक्सर घरों में बेसमेंट या गैरेज में पड़े रह जाते हैं। कभी-कभी इन्हें सड़क किनारे या लैंडफिल में फेंक दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है।
आज के समय में ई-वेस्ट विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती कचरा समस्या बन चुका है। हर साल लगभग 50 मिलियन टन से अधिक ई-वेस्ट उत्पन्न होता है, लेकिन अफसोस की बात है कि केवल 20% से भी कम ई-वेस्ट का उचित दस्तावेजीकरण, रीसाइक्लिंग और सुरक्षित निपटान होता है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय ई-वेस्ट डे का आयोजन किया जाता है ताकि जनता में जागरूकता पैदा हो और लोग अपने ई-वेस्ट का जिम्मेदारी से निपटान करें।
अंतरराष्ट्रीय ई-वेस्ट डे का इतिहास
International E-Waste Day का पहला आयोजन 2018 में हुआ था। इसे WEEE Forum (Waste from Electrical and Electronic Equipment Forum) द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ई-वेस्ट कम करने और सही तरीके से रीसाइक्लिंग करने के महत्व के बारे में जागरूक करना था।
WEEE Forum एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें कई देशों के ई-वेस्ट कलेक्शन स्कीम शामिल हैं। यह संगठन कम से कम 20 देशों में ई-वेस्ट की समस्या का समाधान करने के लिए मिलकर काम करता है। इस दिन के माध्यम से व्यक्तिगत, संस्थागत और सामुदायिक स्तर पर लोगों को प्रेरित किया जाता है कि वे अपने इलेक्ट्रॉनिक कचरे को सुरक्षित तरीके से निपटान करने के लिए कदम उठाएं।
ई-वेस्ट क्यों है खतरे की घंटी
ई-वेस्ट न केवल जगह घेरता है बल्कि इसमें कई हानिकारक रसायन और धातुएँ होती हैं जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। पुराने बैटरी, टीवी, कंप्यूटर और अन्य उपकरणों में सीसा, मरकरी, कैडमियम जैसी विषाक्त धातुएँ होती हैं। यदि इन्हें लैंडफिल में डाल दिया जाए या जलाया जाए, तो यह मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषित कर सकता है।
हाल ही में किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार, छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे माइक्रोवेव, वैक्यूम क्लीनर, स्मार्ट टूथब्रश आदि, दुनिया के ई-वेस्ट का लगभग एक तिहाई हिस्सा बनाते हैं। वहीं, अमेरिका जैसे विकसित देशों में औसतन हर व्यक्ति हर साल 45 पाउंड से अधिक ई-वेस्ट उत्पन्न करता है।
अंतरराष्ट्रीय ई-वेस्ट डे कैसे मनाया जाए
- ई-वेस्ट के प्रति सचेत निर्णय लें
हर उपभोक्ता की जिम्मेदारी है कि वह अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जिम्मेदारी से खरीदे और उपयोग के बाद सही तरीके से निपटान करे। पुराने उपकरणों को सर्टिफाइड ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग सेंटर में भेजना सबसे सही तरीका है। इसके अलावा, ऐसे उत्पाद खरीदें जो रीसायकल किए गए ई-वेस्ट से निर्मित हों। - सामुदायिक ई-वेस्ट ड्राइव आयोजित करें
स्कूल, कॉलेज, व्यवसायिक संस्थान और स्थानीय समुदाय ई-वेस्ट ड्राइव आयोजित कर सकते हैं। लोग अपने पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एक निर्धारित स्थान पर जमा कर सकते हैं। अगर संभव हो तो पिकअप सेवा भी शुरू की जा सकती है, जिससे बुजुर्ग और असमर्थ लोग भी आसानी से अपना ई-वेस्ट जमा कर सकें। - ई-वेस्ट के बारे में जागरूकता फैलाएँ
ई-वेस्ट की समस्याओं और आंकड़ों के बारे में जानकारी साझा करना भी जरूरी है। उदाहरण के लिए, हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने Global E-Waste Monitor रिपोर्ट जारी की, जिसमें ई-वेस्ट के वैश्विक रुझान और इसकी गंभीरता को दर्शाया गया। लोगों को यह समझाना आवश्यक है कि ई-वेस्ट केवल पुराने उपकरण नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। - बच्चों और युवाओं को शिक्षित करें
स्कूलों और कॉलेजों में ई-वेस्ट और इसकी हानियों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। बच्चों और युवाओं को सही तरीके से रीसाइक्लिंग करने के महत्व के बारे में बताएं। इससे भविष्य की पीढ़ी पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार बनेगी। - डिजिटल उपकरणों का जिम्मेदार उपयोग
ई-वेस्ट की समस्या को कम करने का एक तरीका यह भी है कि हम अपने डिजिटल उपकरणों का अधिक सावधानीपूर्वक उपयोग करें। समय पर उपकरणों की मरम्मत करें, और बिना आवश्यकता के उन्हें बदलने से बचें।
ई-वेस्ट कम करने के लाभ
- पर्यावरण संरक्षण: मिट्टी, जल और वायु की गुणवत्ता बनी रहती है।
- स्वास्थ्य सुरक्षा: विषाक्त धातुएँ और रसायन से होने वाली बीमारियों से बचाव।
- संसाधनों की बचत: रीसायक्लिंग से दुर्लभ धातुएँ और सामग्री बचती हैं।
- जागरूक समाज: लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और अपने आसपास भी जागरूकता फैलाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय ई-वेस्ट डे हमें यह याद दिलाता है कि हमारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण केवल इस्तेमाल के लिए नहीं हैं, बल्कि उनका सही निपटान पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। जिम्मेदार रीसाइक्लिंग और जागरूकता से हम कचरा कम कर, संसाधनों की बचत और सतत पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित कर सकते हैं।