जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग की मूल कंपनी जियोब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और ब्लैकरॉक इंक के बीच 50:50 साझेदारी वाला संयुक्त उद्यम है।
रिलायंस समूह की फाइनेंशियल सर्विस इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज एक बार फिर चर्चा में है। शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जब मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इसके जॉइंट वेंचर जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग को स्टॉकब्रोकर और क्लियरिंग मेंबर बनने की आधिकारिक मंजूरी दे दी।
इस अप्रूवल के बाद शेयर बाजार में जियो फाइनेंशियल का भाव लगभग 5 प्रतिशत तक चढ़ गया और इंट्राडे में ₹326.55 के उच्चतम स्तर को छू गया। यह तेजी कंपनी के लिए एक अहम मोड़ मानी जा रही है, क्योंकि यह मंजूरी उसके ब्रोकिंग और निवेश सलाह कारोबार को पूरी तरह से शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम है।
ब्रोकिंग बिजनेस को सेबी से मिली हरी झंडी
जियो फाइनेंशियल सर्विस ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि उसे 25 जून 2025 को सेबी से यह मंजूरी मिली है। अब जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग को भारतीय स्टॉक मार्केट में स्टॉकब्रोकर और क्लियरिंग मेंबर के रूप में कार्य करने का पूरा अधिकार मिल गया है।
यह कंपनी दरअसल जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और अमेरिका की दिग्गज एसेट मैनेजमेंट फर्म ब्लैकरॉक इंक के बीच 50:50 के अनुपात में बनाया गया जॉइंट वेंचर है। इस साझेदारी का मकसद भारत के रिटेल निवेशकों को एक आधुनिक, डिजिटल और ग्राहक-केंद्रित इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है।
शेयर कीमतों में दिखी तेजी
शुक्रवार के कारोबारी सत्र में जियो फाइनेंशियल के शेयर पिछले बंद भाव ₹312 के मुकाबले ₹313.85 पर खुले और कुछ ही देर में 5 प्रतिशत की उछाल के साथ ₹326.55 तक पहुंच गए। दोपहर 12:05 बजे तक यह शेयर ₹327.50 पर ट्रेड करता देखा गया, यानी 4.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ।
इस तेजी का सिलसिला पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार बना हुआ है। निवेशकों में इस बात को लेकर भरोसा बढ़ा है कि जियो फाइनेंशियल आने वाले समय में एक बड़ी फाइनेंशियल पावरहाउस के रूप में उभरेगी।
निवेश सलाहकार के रूप में भी मिली थी मंजूरी
जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक के इस संयुक्त उपक्रम को सेबी से पहले ही एक और अहम मंजूरी मिल चुकी है। 10 जून 2025 को सेबी ने जियोब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स को निवेश सलाहकार के रूप में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया था।
इसका मतलब यह है कि यह संस्था अब निवेशकों को पर्सनल फाइनेंशियल प्लानिंग और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट जैसी सेवाएं दे सकती है। इसके साथ ही कंपनी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है, जिससे ‘डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट’ करने वाले निवेशकों को आसान इंटरफेस और सहज अनुभव मिल सके।
म्यूचुअल फंड कारोबार के लिए भी मिली थी मंजूरी
इस साल मई में ही जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड को भी सेबी से भारत में म्यूचुअल फंड संचालन के लिए निवेश प्रबंधक के रूप में मंजूरी दी गई थी। यानी जियो और ब्लैकरॉक अब भारत में म्यूचुअल फंड बिजनेस, इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी और अब ब्रोकिंग सर्विसेज तीनों फ्रंट पर उतर चुके हैं।
जियो की यह रणनीति भारतीय निवेश बाजार में एक समग्र डिजिटल प्लेटफॉर्म देने की दिशा में एक प्रमुख पहल मानी जा रही है, जो हर स्तर के निवेशकों को कवर करेगी।
पेमेंट बैंक में भी बड़ा निवेश
जियो फाइनेंशियल ने अपनी सहायक कंपनी जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में भी 190 करोड़ रुपये का ताज़ा निवेश किया है। कंपनी को ₹10 के फेस वैल्यू वाले 19 करोड़ इक्विटी शेयर नकद निवेश के जरिए आवंटित किए गए हैं।
यह निवेश दिखाता है कि कंपनी डिजिटल पेमेंट्स स्पेस को लेकर भी गंभीर है और इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बैंकिंग पहुंच को बढ़ावा मिलेगा।
कंपनी की रणनीति पर बाजार की नजर
जियो फाइनेंशियल की रणनीति साफ है एक मल्टी-सर्विस फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म तैयार करना, जो म्यूचुअल फंड से लेकर स्टॉक ब्रोकिंग और पेमेंट बैंकिंग तक की पूरी रेंज को कवर करे।
भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस सेगमेंट को देखते हुए यह प्लान बेहद समयानुकूल माना जा रहा है। खास बात यह है कि ब्लैकरॉक जैसे ग्लोबल इन्वेस्टमेंट दिग्गज के साथ पार्टनरशिप इस योजना को और भी मजबूत आधार प्रदान करती है।
बाजार में सकारात्मक माहौल
विशेषज्ञों के अनुसार, मार्केट में इस समय जियो फाइनेंशियल को लेकर पॉजिटिव सेंटीमेंट है। कंपनी लगातार नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रही है और उसे रेगुलेटरी मंजूरियां भी तेजी से मिल रही हैं।
साथ ही, निवेशकों को यह भरोसा है कि रिलायंस का मजबूत नेटवर्क और ब्लैकरॉक की निवेश विशेषज्ञता इस जॉइंट वेंचर को अन्य फाइनेंशियल कंपनियों से आगे ले जा सकती है।