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बिहार: मोतिहारी में जमीन विवाद ने लिया हिंसक रूप, एक की मौत, चार घायल

बिहार: मोतिहारी में जमीन विवाद ने लिया हिंसक रूप, एक की मौत, चार घायल

पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल अनुमंडल स्थित भगवानपुर गांव में गुरुवार को जमीनी विवाद ने हिंसक मोड़ ले लिया। पुलिस की निगरानी में निर्माण कार्य तो शुरू हुआ था, लेकिन जैसे ही पुलिस मौके से रवाना हुई, दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे और धारदार हथियार चलने लगे। इसी दौरान फायरिंग भी हुई, जिसमें अजय सहनी नामक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पीड़ित परिजनों का आरोप है कि वे कोर्ट के आदेश के बाद विवादित जमीन पर मकान का निर्माण कार्य करवा रहे थे। तभी गांव के ही प्रवीण सहनी, शिवराज सहनी, नवल सहनी और कुलदेव सहनी सहित दर्जनों लोग हथियारों से लैस होकर वहां पहुंचे और अचानक हमला बोल दिया। मृतक के पिता बिंदेश्वरी सहनी के मुताबिक, आरोपियों ने पहले निर्माण रुकवाया, फिर मारपीट शुरू की और देखते ही देखते गोलियां चलने लगीं। इस गोलीबारी में अजय सहनी की मौके पर ही जान चली गई, जबकि उसकी बेटी भी घायल हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। वारदात के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।

पुलिस की लापरवाही से भड़की हिंसा

पूर्वी चंपारण के मोतिहारी जिले में जमीन विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद एसपी स्वर्ण प्रभात मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि दो पक्षों के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसे लेकर पहले ही पुलिस ने एहतियाती कार्रवाई की थी। बावजूद इसके हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक युवक की जान चली गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

एसपी ने प्रेस को जानकारी देते हुए माना कि विवादित जमीन पर मकान की ढलाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस निगरानी में की जा रही थी, लेकिन जिस समय झड़प हुई, उस वक्त पकड़ीदयाल थानाध्यक्ष मौके से नदारद थे। इसे प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए एसपी ने पकड़ीदयाल के एएसपी को पूरे मामले की जांच सौंपी है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। स्थानीय लोगों में रोष है कि यदि पुलिस मौके पर मौजूद रहती तो शायद यह हिंसा टाली जा सकती थी। अब जब कोर्ट के आदेश के बावजूद सुरक्षा में चूक हुई है, तो यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस चूक की जिम्मेदारी किस पर डालता है और आगे क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।

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