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जज बेला एम त्रिवेदी को नहीं मिला फेयरवेल, सीजेआई बीआर गवई ने जताई नाराजगी, कहा- ' क्या जज अलग-अलग होते हैं'

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के रिटायरमेंट पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन (SCAORA) द्वारा विदाई समारोह आयोजित न करने पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने नाराजगी जताई है। 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की जज, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के रिटायरमेंट पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) द्वारा विदाई समारोह न आयोजित किए जाने पर देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी आर गवई ने अपनी नाराजगी साफ तौर पर जाहिर की है। यह मामला चर्चा में तब आया जब आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट पर आयोजित होने वाली विदाई पार्टी जस्टिस त्रिवेदी के लिए नहीं रखी गई।

SCBA और SCAORA का फैसला, CJI ने किया आलोचना

जस्टिस त्रिवेदी के विदाई समारोह की अनुपस्थिति ने सुप्रीम कोर्ट के माहौल को प्रभावित किया है। SCBA और SCAORA ने इस बार अलग रुख अपनाया, जिसके खिलाफ सीजेआई बीआर गवई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मौका था जहां परंपरा का सम्मान होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सीजेआई गवई ने SCBA के अध्यक्ष कपिल सिब्बल और उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव की मौजूदगी की सराहना करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन साथ ही उन्होंने SCBA के पूरे संगठन के इस फैसले की आलोचना की और कहा, मैं खुले तौर पर इस रवैये की निंदा करता हूं। ऐसी स्थिति में एसोसिएशन को किसी भी तरह का पक्षपात नहीं दिखाना चाहिए था।

जज अलग-अलग होते हैं, सम्मान सबका बराबर होना चाहिए - सीजेआई गवई

सीजेआई ने आगे कहा कि जज अलग-अलग व्यक्तित्व और स्टाइल के होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी की इज्जत कम हो या उन्हें सम्मान न मिले। उन्होंने कहा, जज अलग-अलग होते हैं, लेकिन इससे उनका काम रुकना नहीं चाहिए और ना ही सम्मान में कमी आनी चाहिए। जो विदाई समारोह शाम 4:30 बजे होना था, वह होना चाहिए था।

यह स्पष्ट संकेत है कि सीजेआई बीआर गवई पारंपरिक संस्थागत सम्मान की भावना को महत्व देते हैं और चाहते हैं कि सभी न्यायाधीशों को समान रूप से सम्मान दिया जाए।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की कार्यशैली की प्रशंसा

सीजेआई ने जस्टिस त्रिवेदी के व्यक्तित्व और न्यायाधीश के तौर पर योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि जस्टिस त्रिवेदी अपनी दृढ़ता, निडरता, मेहनत और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। इसके साथ ही उन्होंने उनकी आध्यात्मिकता का भी जिक्र किया, जो उनके निर्णयों में साफ झलकती है। जस्टिस त्रिवेदी ने सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला दिया है और हमेशा न्याय के साथ निष्पक्षता को प्राथमिकता दी है। उनकी कार्यशैली और कड़ी मेहनत ने उन्हें न्यायपालिका के सम्मानित सदस्यों में शुमार किया है।

पारंपरिक तौर पर, सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट पर SCBA और SCAORA द्वारा समारोह आयोजित किया जाता है ताकि उनकी सेवाओं को सम्मानित किया जा सके। इस बार जस्टिस त्रिवेदी के लिए यह समारोह आयोजित नहीं किए जाने से कई सवाल उठने लगे। कुछ सूत्रों की मानें तो यह फैसला उनके न्यायिक फैसलों या कार्यशैली को लेकर असहमति की वजह से हो सकता है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है। इस मामले ने सुप्रीम कोर्ट और वकील समुदाय के बीच एक असहज माहौल पैदा कर दिया है।

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