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जन्मदिन पर कोई भेंट नहीं लेंगे अखिलेश यादव, समर्थकों से की ये खास अपील

जन्मदिन पर कोई भेंट नहीं लेंगे अखिलेश यादव, समर्थकों से की ये खास अपील

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने 52वें जन्मदिन (1 जुलाई) को लेकर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से साफ कहा है कि इस बार वह किसी भी तरह की भेंट, फूलों के गुलदस्ते, प्रतिमा, तस्वीर या पार्टी के चिह्न 'साइकिल' की कोई भी प्रतिकृति स्वीकार नहीं करेंगे।

अखिलेश ने अपील की है कि जन्मदिन को सादगी और अनुशासन के साथ मनाया जाए। उनका संदेश साफ है—तोहफों और दिखावे की जगह अगर कुछ देना है तो वह हो नेताजी की विरासत के लिए।

तोहफों की जगह दें आस्था अंशदान

अखिलेश यादव ने समर्थकों से आग्रह किया है कि वे तोहफों की जगह दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव की स्मृति में बन रहे ‘समाजवादी स्मारक’ में सहयोग करें। उन्होंने इसे ‘आस्था अंशदान’ का नाम दिया है और कहा कि यह योगदान समाजवादी विचारधारा और नेताजी की स्मृतियों को संजोने का प्रतीक होगा।

सपा प्रमुख ने बताया कि अंशदान करने वालों का नाम ‘समाजवादी स्मारक सहयोग पुस्तिका’ में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह योगदान पार्टी कार्यालय में आधिकारिक रूप से जमा करने की अपील की है।

बीजेपी सरकार पर बोला हमला 

सपा अध्यक्ष ने रविवार को भाजपा पर भी तीखा हमला बोला। पार्टी मुख्यालय में ‘व्यापार सभा’ की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने 'डबल इंजन सरकार' पर तंज कसते हुए कहा, सत्ताधारी दल के जितने भी इंजन हैं, सब ईंधन की जुगाड़ में लगे हुए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के राज में व्यापारियों पर आर्थिक और सामाजिक स्तर पर नई तरह की ‘इमरजेंसी’ थोप दी गई है। अखिलेश ने कहा, व्यापारी वर्ग संकट में है और सरकार सिर्फ दिखावे में व्यस्त है।

बैठक में व्यापारियों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई, और अखिलेश ने भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी व्यापारी हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करती रहेगी।

अखिलेश यादव का यह रुख उन्हें एक जिम्मेदार और सादगी पसंद नेता के रूप में प्रस्तुत करता है, जो केवल समारोह नहीं, बल्कि विचारधारा को महत्व देने की बात कर रहे हैं। नेताजी की स्मृति में ‘समाजवादी स्मारक’ के लिए किया गया यह आह्वान पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उद्देश्य का संचार कर सकता है।

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